लंदन: काम पर जाना और बच्चों को स्कूल छोड़ना दिन का सबसे तनावपूर्ण समय होता है। ये जानकारी एक नए सर्वेक्षण के अनुसार सामने आई है।
ब्रिटेन में 2,000 लोगों के एक सर्वेक्षण में पाया गया कि इन लोगों के लिए दिन का सबसे तनावपूर्ण समय सुबह 7 बजकर 23 मिनट था।
व्यक्तियों से यह भी पूछा गया कि एक सामान्य दिन में 50 सबसे तनावपूर्ण घटनाएं कौन सी थीं। प्राप्त उत्तरों में, सबसे सामान्य उत्तर ट्रैफिक में फंसना, कपड़ों पर कुछ गिरना और देर से उठना था। रेस्क्यू रेमेडी नामक एक ब्रिटिश कंपनी द्वारा किए गए एक अध्ययन में यह पाया गया कि बुजुर्गों की दिनचर्या नियमित थी।
सर्वे में लोगों ने कहा कि इन तनावपूर्ण घटनाओं का सामना करने के बाद 32 फीसदी लोग निराश हो जाते हैं, 23 फीसदी उत्तेजित हो जाते हैं और 21 फीसदी थक जाते हैं।
नीलसन की वैश्विक ब्रांड प्रमुख जुजिना बिस्तकोवा जो कंपनी रेस्क्यू रेमेडी की मालिक हैं ने कहा- “जब भी हम नाटक के बारे में सोचते हैं, हम एक बड़ी घटना के बारे में सोचते हैं, लेकिन यह शोध दिखाता है कि कैसे छोटी चीजें हमारे मूड को प्रभावित कर सकती हैं।”
आगे उनका कहना है कि “हम जानते हैं कि एक बुरी रात की नींद पूरे दिन को बर्बाद कर सकती है, और दिन के दौरान समस्याएं अक्सर रात की नींद को बर्बाद कर देती हैं।” इस हवाले से वो सुबह के समय को ही सबसे ज़्यादा प्रभावित करने वाला मानती हैं।
सर्वेक्षण से पता चला है कि दैनिक तनाव के शीर्ष कारणों में 46 प्रतिशत के अनुसार थकान, 36 प्रतिशत के अनुसार रात की खराब नींद और 33 प्रतिशत के अनुसार काम में व्यस्त दिन शामिल हैं।
सर्वे में लोगों ने कहा कि इन तनावपूर्ण घटनाओं का सामना करने के बाद 32 फीसदी लोग निराश हो जाते हैं, 23 फीसदी उत्तेजित हो जाते हैं और 21 फीसदी थक जाते हैं।
विशेषज्ञ चेतावनी देते हैं कि जब हम लगातार तनाव में होते हैं तो यह शरीर के ‘फाइट ऑर फ्लाइट’ (फाइट एंड फ्लाइट) मोड को सक्रिय कर देता है। यह एड्रेनालाईन में वृद्धि का कारण बनता है, जो हृदय गति और रक्तचाप को बढ़ाता है। ऐसे में कोर्टिसोल की मात्रा भी बढ़ सकती है, जिससे रक्त में शर्करा की मात्रा बढ़ सकती है और हमारे स्वास्थ्य के लिए जोखिम पैदा कर सकता है।