पश्चिमी दुनिया में लोग टैटू बनवाने से पहले बहुत सोचते हैं कि कौन सा डिज़ाइन बनवाना है, कहां बनवाना है और दूसरों को क्या संदेश देना है। लेकिन इनमे से ज़्यादातर लोग यह नहीं सोचते कि उनके टैटू का उनके दीर्घकालिक स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव पड़ सकता है।
एक नए अध्ययन से पता चलता है कि टैटू से स्किन कैंसर का खतरा 33% से 62% तक बढ़ जाता है। यह शोध डेनिश वैज्ञानिकों द्वारा किया गया तथा बीएमसी हेल्थ पत्रिका में प्रकाशित हुआ।
शोधकर्ताओं ने पाया कि टैटू वाले लोगों में त्वचा कैंसर और लिम्फोमा दोनों की संभावना अधिक होती है। विश्लेषण से पता चला कि हाथ की हथेली से बड़े टैटू त्वचा कैंसर के जोखिम को लगभग 2.4 गुना और लिम्फोमा को 2.8 गुना बढ़ा देते हैं।
दक्षिणी डेनमार्क विश्वविद्यालय के एक शोधकर्ता प्रोफेसर हेनरिक फ्रेडरिकसन ने बताया कि जब टैटू की स्याही को त्वचा में इंजेक्ट किया जाता है, तो स्याही के कण लिम्फ नोड्स में चले जाते हैं और जमा हो जाते हैं।
प्यू रिसर्च सेंटर द्वारा किए गए 2023 के सर्वेक्षण के अनुसार, लगभग 32% अमरीकी टैटू बनवाते है और 22% के पास एक से अधिक टैटू है। शोध का परिणाम यह भी बताता हैं कि बड़े टैटू से कैंसर का खतरा और भी अधिक बढ़ जाता है।
विश्लेषण से पता चला कि हाथ की हथेली से बड़े टैटू से त्वचा कैंसर का जोखिम लगभग 2.4 गुना और लिम्फोमा का जोखिम 2.8 गुना बढ़ जाता है तथा लिम्फोमा या लिम्फ नोड्स के कैंसर का खतरा लगभग तीन गुना बढ़ जाता है।
यूनिवर्सिटी ऑफ सदर्न डेनमार्क में बायोस्टैटिस्टिक्स के सहायक प्रोफेसर, प्रमुख शोधकर्ता सिग्ने बेडस्टेड क्लेमेंसेन ने एक समाचार विज्ञप्ति में कहा- “इससे पता चलता है कि टैटू जितना बड़ा होगा और जितना लंबा होगा, लिम्फ नोड्स में उतनी ही अधिक स्याही जमा होगी।”