वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में नया इनकम टैक्स बिल पेश किया। इस बिल को लेकर कहा गया है कि देश की टैक्स व्यवस्था में सुधार के साथ भविष्य में करदाताओं को राहत मिलने और टैक्स विवादों की संख्या घटने की उम्मीद है।
यह बिल 1961 से चले आ रहे टैक्स कानूनों को सरल और पारदर्शी बनाने का प्रयास है। पिछले दिनों बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसका जिक्र किया था।
वित्त मंत्री द्वारा पेश किये गए इनकम टैक्स बिल पर सभी की निगाह थी कि प्रस्तावित बिल के जरिए किस तरह के बदलाव लाए जाने वाले हैं। बिल को लेकर कहा गया है कि यह बिल इनकम टैक्स प्रावधानों को सरल और आसान बनाने के साथ आने वाले वर्षों में लाभकारी होगा।
622 पेज वाले इस नए विधेयक के 536 सेक्शन हैं। बताते चलें कि पुराने मौजूदा इनकम टैक्स एक्ट में 823 पेज हैं। नए बिल में किसी प्रकार के कोई नए टैक्स का जिक्र नहीं है। प्रस्तावित बिल में करदाता की सुविधा के लिए आसान भाषा शामिल की गई और टैक्स नियमों और उसके सेक्शन को सरल बनाने की कोशिशों करते हुए धाराओं की संख्या में कमी की गई है।
गौरतलब है कि नए इनकम टैक्स बिल को पिछले सप्ताह 7 फरवरी को कैबिनेट की मंजूरी मिल गई थी। लोकसभा में पेश किए जाने के बाद नए इनकम टैक्स बिल को आगे की चर्चा के लिए संसदीय वित्त स्थायी समिति के पास भेजा जाएगा।
संसदीय समिति इस बिल पर अपनी सिफारिशें देगी, जिसके बाद इसे एक बार फिर कैबिनेट के पास भेजा जाएगा। संसदीय समिति की सिफारिशों के पश्चात इसे एक बार फिर कैबिनेट की मंजूरी चाहिए होगी। मंजूरी मिलने के बाद इस बिल को दोबारा संसद में पेश किया जाएगा।
यदि इनकम टैक्स बिल 2025 पास हो जाता है तो यह इनकम टैक्स अधिनियम 2025 बन जाएगा। इसे पहली अप्रैल 2026 से लागू कर दिया जाएगा। इसके पास होने के बाद अभी तक जारी इनकम टैक्स एक्ट 1961 को समाप्त कर दिया जाएगा।