कैथोलिक ईसाइयों के धार्मिक नेता पोप फ्रांसिस ने एक बार फिर इजरायल की कड़ी आलोचना की है। गाजा में जारी इजरायली आक्रमण के खिलाफ अपनी बात में उन्होंने गाजा में मानवीय संकट को अत्यंत गंभीर और शर्मनाक बताया तथा तत्काल युद्धविराम का आह्वान किया।
वेटिकन सिटी में पोप फ्रांसिस ने राजनयिकों से अपने वार्षिक संबोधन के दौरान कहा कि नागरिकों पर बमबारी किसी भी परिस्थिति में अस्वीकार्य है।
88 वर्षीय पोप का स्वास्थ्य पूरी तरह से सही नहीं था। हालाँकि संबोधन के लिए वह स्वयं उपस्थित थे, लेकिन इसे एक सहयोगी ने पढ़ा, जिसमे कहा गया- “हम यह स्वीकार नहीं कर सकते कि बच्चे ठंड से मर रहे हैं क्योंकि अस्पताल नष्ट हो गए हैं या किसी देश का ऊर्जा नेटवर्क प्रभावित हुआ है।”
- पोप ने वेटिकन में राजनयिकों को वार्षिक संबोधन दिया।
- गाजा में मानवीय स्थिति पर चिंता व्यक्त की।
- यूक्रेन युद्ध और अन्य वैश्विक संघर्षों को समाप्त करने का आह्वान भी किया।
- पोप ने यहूदी-विरोधी भावना में वृद्धि की निंदा की।
गाजा में चल रहे मानवीय संकट की गंभीरता का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि अत्यधिक ठंड के कारण बच्चों की मौतें असहनीय हैं तथा अस्पतालों और ऊर्जा प्रणालियों के विनाश के कारण निर्दोष लोगों की मौतें किसी भी तरह से उचित नहीं हैं।
पोप फ्रांसिस ने आग्रह किया कि गाजा में तत्काल सहायता पहुंचाई जाए तथा बंधकों की रिहाई सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि युद्ध सदैव मानवता की हार है और इसमें शैतान की जीत होती है।
वेटिकन सिटी में अपने सम्बोधन में उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से इस गंभीर मानवीय संकट को रोकने के लिए तत्काल कदम उठाने की अपील की।
ये टिप्पणियाँ लगभग 184 देशों के वेटिकन-मान्यता प्राप्त दूतों को संबोधित करने का हिस्सा थीं, जिसे पोप का “दुनिया की स्थिति” (pope’s “state of the world”) भाषण कहा जाता है। इस कार्यक्रम में उपस्थित लोगों में होली सी में इजरायल के राजदूत भी शामिल थे।
पोप ने यहूदी-विरोधी भावना की भी निंदा की, यूक्रेन में युद्ध और दुनिया भर में अन्य संघर्षों को समाप्त करने का आह्वान किया और जलवायु परिवर्तन पर चिंता व्यक्त की।