वेनेज़ुएला भारी आर्थिक संकट में, पेट्रोल के दाम 60 गुना बढ़े, 28 मरे. वेनेज़ुएला इन दिनों कई तरह के संकटों से जूझ रहा है. सरकार विपक्ष पर तख्तापलट की कोशिश का आरोप लगा रही है तो वहीं विपक्ष सरकार पर संविधान संशोधन करने की कोशिश का आरोप लगा रहा है.
इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड का कहना है कि देश भारी आर्थिक संकट में फंसा हुआ है. ज़रूरत के सामानों की यहां भारी किल्लत है. दूध और दवाइयों के लिए दुकानों पर लंबी क़तारें लग रही हैं.
बेरोज़गारी की स्थिति यहां लगातार भयावह हो रही है. पिछले तीन सालों से वेनेज़ुएला भारी आर्थिक संकट में फिसलता जा रहा है. राष्ट्रपति निकोलस मडूरो समझ नहीं पा रहे हैं को वह देश को इस संकट से कैसे निकालें.
इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड का कहना है कि इस साल तक वेनेज़ुएला की महंगाई दर 700 फ़ीसदी से ऊपर पहुंच जाएगी. मडूरो के ख़िलाफ़ विपक्ष सड़क पर है. विपक्ष देश में गहराते सियासी और आर्थिक संकट के बीच चुनाव की मांग को लेकर सड़क पर प्रदर्शन कर रहा है. मडूरो देश में नए संविधान की ज़रूरत की बात कर रहे हैं.इसी की प्रतिक्रिया में विपक्ष आंदोलित है. सरकार और विपक्ष के टकराव में अब तक 28 लोगों की जान जा चुकी है.
मडूरो का कहना है कि उनके ख़िलाफ़ विदेशी साजिश हो रही है और इससे निपटने के लिए देश के संविधान में बदलाव ज़रूरी है. अमरीका का कहना है कि मडूरो की यह कोशिश सत्ता में बने रहने के लिए है.
राष्ट्रपति के विरोधी चाहते हैं कि जनमत संग्रह करा उन्हें सत्ता से बेदखल किया जाए.
विपक्ष देश में खाद्य संकट के लिए सरकार को ज़िम्मेदार ठहरा रहा है. विपक्ष की मांग को मडूरो ने ख़ारिज कर दिया है और उन्होंने 500 सदस्यों वाली एक संविधान सभा बनाने का आदेश जारी किया है.