वाराणसी : यूपी में वाराणसी के करीब बाबतपुर में बना हवाईअड्डा देश का पहला ऐसा एयरपोर्ट होगा, जिसके रनवे के नीचे से नेशनल हाइवे गुजरेगा। इसके लिए अंडरपास का निर्माण किया जाएगा, जिससे एयरपोर्ट के रनवे का भी विस्तार होगा। इस विस्तृत रनवे का इस्तेमाल बड़े विमानों की लैंडिंग में किया जा सकेगा और इससे हाइवे को फोर-लेन बनाने में मदद मिलेगी।भारतीय हवाईअड्डा प्राधिकरण (AAI) ने अंडरपास के निर्माण के जरिये एयरपोर्ट के रनवे के विस्तार को मंजूरी दे दी है।
यह अंडरपास वाराणसी-लखनऊ हाईवे (NH-56) को भी जोड़ेगा। इस वक्त एयरपोर्ट का रनवे 2,750 मीटर है, जिसे विस्तृत कर 4,075 मीटर किया जाना है। रनवे को विस्तृत बनाने का निर्माण कार्य पूरा हो जाने के बाद यहां बडे़ मालवाहक और बोइंग विमानों को आसानी से उतारा जा सकेगा।’टाइम्स ऑफ इंडिया’ के मुताबिक, अधिकारियों ने बताया कि अंडरपास का निर्माण और रनवे के विस्तार का काम एक साथ शुरू होगा। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के प्रोजेक्ट निदेशक (वाराणसी) एस बी सिंह के अनुसार, ‘यह देश का पहला ऐसा हाइवे होगा, जो एयरपोर्ट के रनवे के नीचे से गुजरेगा। प्रस्तावित अंडरपास NH-56 को लेकर लंबे समय से लंबित मुद्दे का भी समाधान करेगा, जिसे फोर-लेन का बनाया जा रहा है।’NH-56 को फोर-लेन बनाए जाने का प्रस्ताव पिछले एक दशक से भी अधिक दशक से लंबित पड़ा है, जिसे UPA की सरकार ने ही 2013 में मंजूरी दे दी थी। NHAI ने वाराणसी-सुल्तानपुर स्ट्रेच को लेकर काम करना शुरू कर दिया था। वर्ष 2014 में केंद्र में सत्ता परिवर्तन के बाद इसके लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया भी तेज हुई, पर इस दिशा में बहुत कुछ हासिल नहीं किया जा सका और काम आगे नहीं बढ़ पाया।
AAI ने मास्टरप्लान-2004 में रनवे के विस्तार का प्रस्ताव रखा था, लेकिन रनवे के पूर्व की ओर रेलवे ट्रैक होने की वजह से इसका विस्तार केवल पश्चिम की ओर ही हो सकता था, जिस तरफ NH-56 है। AAI ने इसके लिए मंगरी, बैकुंठपुर, करमी, घोमहापुर करमी, सगुनहा और पुरा रघुनाथपुर गांवों में 593.77 एकड़ भूमि मांगी थी। AAI ने इस संबंध में उत्तर प्रदेश सरकार को 27 मार्च, 2015 को पत्र लिखा था। इस प्रोजेक्ट ने एक बार फिर 2017 में गति पकड़ी, जब AAI ने रनवे के विस्तार के लिए भूमि की पहचान शुरू की।