अमेरिकी शहर लॉस एंजिल्स में किए गए एक अध्ययन से पता चला है कि नॉन-स्टिक फ्राइंग पैन के उपयोग से लीवर कैंसर हो सकता है।
यूनिवर्सिटी ऑफ सदर्न कैलीफोर्निया के शोधकर्ताओं का कहना है कि घरेलू उपकरणों और रसोई के कुछ बर्तनों में पाए जाने वाले सिंथेटिक रसायन से व्यक्ति में लीवर कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।
बरतन और खाद्य पैकेजिंग पर पाए जाने वाले रसायन कैंसर के खतरे को चौगुना कर सकते हैं।
आमतौर पर बरतन और खाद्य पैकेजिंग पर पाए जाने वाले रसायन कैंसर के खतरे को चौगुना कर सकते हैं। इस बात की जानकारी और चेतावनी अनुसंधान से मिली है।
रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र का कहना है कि ये रसायन नॉनस्टिक रसोई के बर्तनों, नल के पानी, जलरोधक कपड़ों, सफाई उत्पादों और शैंपू में पाए जाते हैं।
शोध से यह भी पता चला है कि इन रसायनों के उच्च जोखिम वाले लोगों में गैर-वायरल हेपेटोसेलुलर कार्सिनोमा(non-viral hepatocellular carcinoma) एक सामान्य यकृत कैंसर विकसित होने की संभावना 4.5 गुना अधिक होती है।
अध्ययन में शोधकर्ताओं ने 50 लोगों के डेटा का अध्ययन किया, जिन्होंने यकृत कैंसर विकसित किया था। जबकि अन्य 50 ने नहीं किया। कैंसर रोगियों के रक्त के नमूनों का विश्लेषण किया और उनकी तुलना उन लोगों से की जिन्हें कभी यह बीमारी नहीं थी। जिन्हे ये बीमारी पाई गई उनके रक्त में कई किस्म के केमिकल पाए गए।
शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि जब ये रसायन लीवर में प्रवेश करते हैं, तो वे मेटाबॉलिज्म को बदल देते हैं और फैटी लीवर की बीमारी का कारण बनते हैं, जिससे बीमारी वाले लोगों में लीवर कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।