अजमेर 15 मई : राजस्थान के अजमेर में ईद के बाद चांद की पांच एवं छह तारीख यानि 18-19 मई को ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के गुरू का उर्स मनाया जायेगा।
दरगाह में आम जायरीनों के प्रवेश पर प्रतिबंध के चलते उर्स एवं जन्नती दरवाजा खोलने की परम्परा रस्मीतौर ही निभाई जायेगी। आस्ताना शरीफ की खिदमत के लिए लगे खद्दाम (खादिम) ही जियारत कर सकेंगे।
अजमेर दरगाह शरीफ से जुड़े खादिमों के अनुसार ख्वाजा साहब के गुरु पीर ओ मुर्शिद हजरत उस्मान हारूनी का उर्स ईद के बाद मनाये जाने की परम्परा है। इस मौके पर एक बार फिर से दरगाह स्थित जन्नती दरवाजा खोला जायेगा। दरवाजा सुबह तड़के चार बजे खोल कर कुल की रस्म के बाद दिन में दोपहर सवा बजे बंद कर दिया जायेगा। दरगाह में आम जायरीनों के प्रवेश पर प्रतिबंध के चलते उर्स एवं जन्नती दरवाजा खोलने की परम्परा रस्मीतौर ही निभाई जायेगी। आस्ताना शरीफ की खिदमत के लिए लगे खद्दाम (खादिम) ही जियारत कर सकेंगे।
उल्लेखनीय है कि कोरोनाकाल के मद्देनज़र सरकारी नियमों की अनुपालना में दरगाह शरीफ गत 19 अप्रैल से ही बंद है। दरगाह के मुख्य निजाम गेट के अलावा सभी प्रवेश द्वार बंद है।