लखनऊ। उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव होने में अब थोड़ा ही समय बाकी है और इसी बीच केंद्र सरकार द्वारा लिए गए नोटबंदी के फैसले की देशभर में चर्चा हो रही है। ऐसे में यह फैसला निश्चित ही उत्तर प्रदेश की राजनीति पर असर डालने वाला है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक आगामी विधानसभा चुनाव में यह फैसला बीजेपी की ताकत को बढ़ाने वाला है। up elections 2017
समाचार एजेंसी रॉइटर्स के इस आकलन के मुताबिक नोटबंदी के फैसले से भले ही लोगों को कई तरह की परेशानियां झेलनी पड़ी हो लेकिन अनुमान है कि यह बीजेपी को सिर्फ शॉर्ट टर्म में ही नुकसान करेगा। केंद्र सरकार के इस फैसले ने तमाम विपक्षी दलों को चुनाव के लिए नए सिरे से अपनी रणनीति बनाने के लिए मजबूर कर दिया है। कोई भी राजनीतिक दल देश की सबसे ज्यादा आबादी वाले राज्य को जीतने की पूरी कोशिश करेगा।
उत्तर प्रदेश की लोकसभा में कुल 80 सीटें हैं और इसीलिए यहां के विधानसभा चुनाव को लोकसभा का सेमीफाइनल तक कहा जाता है। वहीं दूसरी तरफ यह अनुमान भी लगाए जा रहे हैं कि नोटबंदी का फैसला लिए जाने के बाद भी राज्य में सभी राजनीतिक दलों का चुनावी खर्च 40 बिलियन डॉलर तक पहुंचने वाला है।
इसके अलावा राज्य में इस फैसले के बाद अभी तक मिलीजुली प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। भारत की 65 फीसद आबादी 35 साल की उम्र से कम की है और मोदी सरकार के इस फैसले ने युवाओं के बीच काफी वाहवाही बटोरी है लेकिन बीजेपी की मुश्किलें सिर्फ इसी से ही आसान नहीं हो सकती। वहीं उत्तर प्रदेश कांग्रेस के सीनियर नेता प्रदीप माथुर का कहना है कि उन्हें अब नए सिरे से चुनावी रणनीति तैयार करनी है।