उत्तर प्रदेश में भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति अगले सप्ताह तक हो सकती है। 2024 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व नए अध्यक्ष की नियुक्त करेगा। इस चयन में जातीय समीकरण का विशेष ध्यान रखा जायेगा। ऐसे में पार्टी के ब्राह्मण नेता सहित दलित, पिछड़े और भूमिहर अध्यक्ष पद की रेस में शामिल है।
देश के अलग-अलग राज्यों में केंद्रीय नेतृत्व की ओर से इन दिनों लगातार संगठनात्मक बदलाव हो रहे हैं। भाजपा के नए प्रदेश महामंत्री संगठन धर्मपाल की नियुक्ति के बाद अब नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति का नंबर है।
जानकारी के अनुसा नए प्रदेश अध्यक्ष के बारे में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृहमंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष के बीच बात चीत का क्रम बना हुआ है। इसमें आगामी लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए चयन की योजना पर काम किया जा रहा है।
प्रदेश अध्यक्ष की कतार में कई नाम सामने हैं। इसमें केंद्रीय राज्यमंत्री बीएल वर्मा, पंचायतीराज मंत्री भूपेंद्र सिंह चौधरी और केंद्रीय राज्यमंत्री संजीव बालियान के नामों को फेहरिस्त में ऊपर माना जा रहा है।
दूसरी ओर उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय, कन्नौज के सांसद सुब्रत पाठक, नोएडा के सांसद डॉ. महेश शर्मा, अलीगढ़ से सांसद सतीश गौतम, पूर्व मंत्री श्रीकांत शर्मा, पूर्व उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा के नाम ब्राह्मण सूची में सबसे आगे हैं।
जबकि दलित वर्ग से इटावा के सांसद रामशंकर कठेरिया, विनोद सोनकर, सांसद भानु वर्मा के नाम है। इसके अलावा भूमिहार समाज से प्रदेश महामंत्री अश्विनी त्यागी के नाम का ज़ोर देखने को मिल रहा है।