उत्तर भारत में तापमान गिरने और घने कोहरे के चलते विजिबिलिटी पर असर पड़ा है। कम विजिबिलिटी के कारण यातायात प्रभावित हुआ है। साथ ही शीत लहर के असर से भी यातायात थमा हुआ महसूस हो रहा है।
इस मौसम के चलते हवाई और रेल यात्रा में देरी की सूचना है। खराब विज़िबिलिटी के कारण कई उड़ानों में देरी हुई या उन्हें रद्द कर दिया गया। रेल मार्ग भी इससे प्रभावित हुआ है।
दिल्ली-एनसीआर के घने कोहरे की चपेट में होने के कारण गुरुवार को करीब सवा सौ से अधिक उड़ानें प्रभावित हुईं। इसका असर रेल और सड़क यातायात पर भी देखा गया।
भारत मौसम विज्ञान विभाग ने उत्तर भारत के लोगों से सख्त मौसम की स्थिति के लिए तैयार रहने का आग्रह किया गया है। साथ ही दृश्यता कम होने के कारण एहतियाती कदम उठाने की जरूरत पर भी जोर देने की बात कही गई है।
#उत्तर_भारत में प्रचण्ड शीत लहर। राजधानी #दिल्ली में घना कोहरा। मौसम विभाग ने पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और उत्तरी मध्य प्रदेश ने अगले दो दिनों तक कुछ जगहों पर बहुत घने कोहरे का अनुमान व्यक्त किया। pic.twitter.com/tozE1A39qw
— आकाशवाणी समाचार (@AIRNewsHindi) December 26, 2023
आज सुबह साढ़े पांच बजे पालम पर विज़िबिलिटी 25 मीटर जबकि सफदरजंग स्टेशन पर 50 मीटर दर्ज की गई। ऐसे में हवाई और रेल यात्रा दोनों में देरी की सूचना मिली है। ऐसे में हवाई और रेल परिवहन पर निर्भर यात्रियों को असुविधा का सामान करना पड़ रहा है।
इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर, खराब दृश्यता के चलते तक़रीबन 134 उड़ानें प्रभावित हुईं हैं, जिनमे घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय दोनों ही सेवाओं पर असर पड़ा।
उत्तर भारत के कई हिस्सों में ठंड और कोहरे का कहर देखने को मिल रहा है। दिल्ली-NCR समेत पूरा उत्तर भारत ठंड और कोहरे की चपेट में है। #Cold https://t.co/iaD3DP5ydY
— Navjivan (@navjivanindia) December 28, 2023
रेलवे के अनुसार, खराब विज़िबिलिटी के चलते हावड़ा-नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस, जम्मू तवी-नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस, तमिलनाडु एक्सप्रेस, गोल्डन टेम्पल मेल सहित 22 ट्रेनें कई घंटों के विलम्ब से चलीं।
— Jansatta (@Jansatta) December 28, 2023
आज़मगढ़-दिल्ली जंक्शन कैफियत एक्सप्रेस नौ घंटे से अधिक की देरी से, पुरी-नई दिल्ली पुरूषोत्तम एक्सप्रेस छह घंटे की देरी से, जबकि गीता जयंती एक्सप्रेस और चेन्नई-नई दिल्ली ग्रैंड ट्रंक एक्सप्रेस भी करीब पांच- छह घंटे के विलम्ब से चलीं।