लखनऊ। ट्रेड यूनियन्स की ओर से बुलाए गए देशव्यापी बंद के चलते 18,000 करोड़ रुपये का कारोबार प्रभावित होने का अनुमान है। एसोचैम ने कहा कि शुक्रवार को हुई इस हड़ताल के चलते ट्रेड, ट्रांसपोर्ट, बैंकिंग सर्विसेज और महत्वपूर्ण मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटीज जैसे सेक्टर्स को 16,000 से 18,000 करोड़ रुपये का कारोबारी नुकसान हो सकता है। असोसिएटेड चेंबर्स ऑफ कॉमर्स ऐंड इंडस्ट्री (एसोचैम) ने कहा कि भारत की जीडीपी ग्रोथ में इस तरह के बंद बाधक साबित हो रहे हैं। एसोचैम के मुताबिक देश की जीडीपी ग्रोथ में इजाफे के लिए मैन्युफैक्चरिंग उद्योग को गति देनी होगी और सर्विस सेक्टर में भी तेजी लानी होगी।
इंडस्ट्री बॉडी ने कहा कि पब्लिक सेक्टर और प्राइवेट सेक्टर में प्रॉडक्शन थमने और ट्रांसपोर्ट सर्विसेज के बाधित होने से ग्रोथ की रफ्तार धीमी हो सकती है। एसोचैम के जनरल सेक्रटरी डीएस रावत ने कहा, ‘ट्रेड, ट्रांसपोर्ट और होटल कारोबार देश की जीडीपी में बड़ी हिस्सेदारी रखते हैं। इसके अलावा बैंकिंग समेत फाइनैंशल सर्विसेज का भी इसमें बड़ा योगदान रहता है। ये दोनों सेक्टर हड़ताल के चलते खासे प्रभावित हुए हैं।’
रावत ने कहा कि ग्रोथ बाधित न हो, इसके लिए यह जरूरी है कि ट्रेड यूनियन्स को सरकार के साथ वार्ता की मेज पर आना चाहिए। रावत ने कहा, ‘इंडस्ट्री उचित मजदूरी और बेहतर जीवनशैली के विरोध में नहीं है। लेकिन, न्यूनतम मजदूरी की मांग संतुलित होनी चाहिए।’