अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर 7 मार्च को फीचर फिल्म ‘स्थल’ सिनेमाघरों में रिलीज हो रही है। सामाजिक बुराईयों को उजागर करती यह फिल्म ग्रामीण भारत में अरेंज मैरिज की परंपरा पर बनी है।
सचिन पिलगांवकर की पहली प्रस्तुति ‘स्थल’ के लेखक-निर्देशक जयंत दिगंबर सोमलकर हैं। क्रिटिक्स द्वारा सराही गई इस मराठी फिल्म को पिछले कुछ महीनों में कई अवार्ड मिल चुके हैं।
बताते चलें कि इस फिल्म को 48वें टोरंटो अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (TIFF) में सर्वश्रेष्ठ एशिया प्रशांत फिल्म के लिए प्रतिष्ठित NETPAC पुरस्कार दिया गया है। तब से इस फिल्म ने 16 से अधिक पुरस्कार प्राप्त किये हैं और इसे 29 फिल्म फेस्टिवल में दिखाया जा चुका है।
मुंबई एकेडमी ऑफ मूविंग इमेजेज में भी इस फिल्म को बेहतरीन प्रतिक्रिया मिली। इसके बाद देश के विभिन्न शहरों में भी स्थल को सराहा गया।
सामाजिक बुराईयों को उजागर करती यह फिल्म ग्रामीण भारत में अरेंज मैरिज की परंपरा पर बनी है, जहां एक लड़की की शादी की अथक कोशिश जीवन के भरण-पोषण पर हावी हो जाती है। कहानी एक युवा किरदार सविता के नजरिए से बुनी गई है।
फिल्म की कहानी समाज में पितृसत्ता और रंगभेद सहित कई सामाजिक बुराईयों को उजागर करती है। इसमें नंदिनी चिकते ने मुख्य किरदार प्ले किया है। उनके साथ तारानाथ खिरतकर, संगीता सोनेकर, सुयोग धवास, संदीप सोमलकर, संदीप पारखी, स्वाति उलमाले, गौरी बड़की और मानसी पवार भी अहम रोल में नज़र आए हैं।
फिल्म के सिनेमाघरों में रिलीज़ होने पर पिलगांवकर कहते हैं कि मैं वाकई चाहता हूं कि बड़ी संख्या में लोग फिल्म देखें और यही हमारा पहला लक्ष्य है। उनका कहना है कि एक बार जब आप टिकट खरीद कर सिनेमा देखते हैं तो आपका नजरिया बदल जाता है, जबकि जब आप कोई भी फिल्म मुफ्त में देखते हैं तो ऐसा नहीं होता।