मार्क बॉयल, जिन्हें ‘द मनीलेस मैन’ के नाम से भी जाना जाता है, ने 2008 में पैसे से अपना रिश्ता ही ख़त्म कर लिया था। मार्क तब से कैशलेस ज़िन्दगी गुज़ार रहे हैं।
मार्क ने जब दुनिया की समस्याओं को गौर से देखा तो पाया कि इनका हल महात्मा गांधी के नज़रिये में मिलता है। गाँधी जी का कथन- ‘खुद में वह बदलाव लाएं जो आप दुनिया में देखना चाहते हैं।’ ने मार्क की पूरी ज़िंदगी को ही बदल डाला।
आयरिशमैन मार्क बॉयल 15 वर्षों से पैसों के बग़ैर जी रहे हैं मगर बात इतनी ही नहीं है। उन्होंने टेक्नोलॉजी से भी परहेज किया है और अधिक ‘प्राकृतिक’ जीवन अपनाना पसंद करते हैं।
दुनिया की समस्याओं से बचने के लिए मार्क ने गांधी के इस कथन का सहारा लिया- ‘खुद में वह बदलाव लाएं जो आप दुनिया में देखना चाहते हैं।’
इकोनॉमिक्स और बिज़नेस में डिग्री के साथ कॉलेज से पढ़ाई पूरी करने के बाद मार्क बॉयल को जल्द ही ब्रिस्टल, यूके में एक ऑर्गेनिक फ़ूड कंपनी में अच्छी तनख्वाह वाली नौकरी मिल गई।
मार्क को एहसास हुआ कि पैसा ज्यादातर समस्याओं की जड़ है और उन्हें महात्मा गांधी की प्रसिद्ध उक्ति याद आई- ‘खुद में वह बदलाव लाएं जो आप दुनिया में देखना चाहते हैं।’
दुनिया के बाक़ी लोगों की तरह उनका भी सपना था कि एक अच्छी नौकरी हासिल की जाए और वे सभी भौतिक चीजें खरीदी जाएं जिन्हें समाज में सफलता के लिए बेहद ज़रूरी समझता है।
लेकिन 2007 में एक रात मार्क के ये सारे सपने और विचार बदल गए। हुआ ये कि इस रात मार्क एक दोस्त के साथ अपनी शानदार नौका में थे और दोनों के बीच होने वाली दार्शनिक बातचीत ने मार्क का नजरिया बदल डाला। इस वार्तालाप में दोनों दोस्त दुनिया की समस्याओं पर चर्चा कर रहे थे और इन समस्याओं से निपटने के लिए सर्वोत्तम तरीके की तलाश कर रहे थे।
उस समय मार्क को एहसास हुआ कि पैसा ज्यादातर समस्याओं की जड़ है और उन्हें महात्मा गांधी की प्रसिद्ध उक्ति याद आई- ‘खुद में वह बदलाव लाएं जो आप दुनिया में देखना चाहते हैं।’