नई दिल्ली। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने स्वीकार किया कि डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम को यौन शोषण मामले में अदालत से दोषी करार दिए जाने के बाद भगााने की एक बड़ी सजिश रची गई थी।
खट्टर ने एक टीवी चैनल पर कार्यक्रम में कहा कि अदालत द्वारा सजा सुनाए जाने के बाद गुरमीत राम रहीम को भगाने की बड़ी साजिश थी लेकिन हमारे पुलिसकर्मियों और अर्द्धसैनिक बलों ने उस साजिश को नाकाम कर दिया और बाबा को जेल भेजा गया।
उन्होंने कहा कि बाबा को जेड प्लस सुरक्षा उपलब्ध थी और हरियाणा पुलिस के पांच कर्मी उनकी सुरक्षा में लगे थे लेकिन पंजाब पुलिस के आठ कर्मी भी बाबा की सुरक्षा में पाए गए। जिनके बारे में हमें कोई जानकारी नहीं है कि उन्हें किसने उसकी सुरक्षा में लगाया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा के हर पुलिसकर्मी के पास एक-एक हथियार था जबकि पंजाब पुलिस के आठों कर्मियों के पास दो-दो हथियार थे। उन्होंने कहा कि हरियाणा के पांचों पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार कर तुरंत निलम्बित किया गया और बाद में बर्खास्त कर दिया गया। हरियाणा पुलिस ने आठों पंजाब पुलिसकर्मियों को भी गिरफ्तार किया है।
इस बारे में पूछे जाने पर कि पंचकूला अदालत में आने के लिए गुरमीत राम रहीम के साथ 200 वाहनों के काफिले को आने की अनुतमति क्यों दी गई तो खट्टर ने कहा कि यदि कारों को रोका जाता तो बाबा अदालत में उपस्थित होने से मना कर सकता था और हमारी प्राथमिकता उसे अदालत में पहुंचाने की थी। इसलिए यह बात कोई मायने नहीं रखती कि काफिले में 200 कारें थीं या 1000, 2000 या 8000 कारें थीं। अदालत परिसर में बाबा को दो ही वाहन ले जाने की अनुमति थी और उन्हें ही अंदर जाने दिया गया।एजेंसी