एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि दुनिया के सबसे अमीर लोग जलवायु संकट के कारणों की सूची में सबसे ऊपर हैं।
चैरिटी ऑक्सफैम के शोध से पता चला है कि दुनिया के सबसे अमीर एक प्रतिशत लोग पृथ्वी पर सबसे गरीब दो-तिहाई लोगों की तुलना में कहीं अधिक कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन करते हैं। शोध में दुनिया के सबसे अमीर लोगों और बाकी दुनिया के बीच कार्बन फुटप्रिंट में अंतर पाया गया।
रिपोर्ट में चिह्नित लोगों में मैक्सिकन व्यवसायी कार्लोस स्लिम, माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स, अमेज़ॅन के मालिक जेफ बेजोस, अमेरिकी ओरेकल के संस्थापक लैरी एलिसन, टेस्ला और एक्स (पूर्व में ट्विटर) के प्रमुख एलोन मस्क शामिल हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, पर्यावरणीय क्षति में गोरे अरबपति सबसे आगे हैं, जबकि महिलाएं, स्थानीय लोग और काले या अन्य रंगों की त्वचा वाले लोग सूची में सबसे नीचे हैं।
The new Oxfam report, Climate Equality, shows that in 2019, the super-rich 1% were responsible for the same carbon pollution as the poorest two thirds of humanity – 5 billion people.
Read the full report: https://t.co/Unqs5I3MtQ#MakeRichPollutersPay pic.twitter.com/rYQZKUtw2G
— Oxfam International (@Oxfam) November 20, 2023
इन में चिन्हित अरबपतियों और अन्य लोगों के उत्सर्जन के विशाल और चौंका देने वाले स्रोतों में उनके बड़े निवेश, उनके घर, निजी पानी के विशाल जहाज़ यानी निजी सुपरयाट और विमान सहित अन्य वस्तुएं शामिल हैं।
लेखक यह भी बताते हैं कि जलवायु संकट के कारण दुनिया के कई सबसे अमीर लोग भी दुनिया छोड़ने की तैयारी कर रहे हैं। जिसका उदाहरण एलन मस्क हैं जो मंगल ग्रह पर इंसानी बस्तियां बसाने की योजना बना रहे हैं। ऑक्सफैम की यह नई रिपोर्ट स्टॉकहोम पर्यावरण संस्थान (एसईआई) के शोध पर आधारित है।