कोलकाता डॉक्टर रेप-मर्डर मामले में देशभर में डॉक्टरों का विरोध प्रदर्शन ज़ोर पकड़ता जा रहा है। न्याय की गुहार लगा रहे डॉक्टर सुरक्षा की मांग को लेकर भी लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं।
इन मांगों के तहत डॉक्टरों द्वारा आज सुबह 6 बजे से 24 घंटे की राष्ट्रव्यापी हड़ताल शुरू हो गई है। इस हड़ताल का आह्वान भारतीय चिकित्सा संघ यानी आईएमए की ओर से किया गया है।
आईएमए के मुताबिक, इस बीच 24 घंटे तक चलने वाले विरोध-प्रदर्शन के दौरान सभी आवश्यक सेवाएं जारी रहेंगी तथा आपातकालीन केस देखे जाएंगे। इस हड़ताल के दौरान किसी तरह की नियमित ओपीडी और वैकल्पिक सर्जरी नहीं होगी।
मामले में अग्रणी होकर आईएमए ने मांग की है कि रेजिडेंट डॉक्टरों के काम करने और रहने की स्थिति में व्यापक बदलाव किये जाएं और साथ ही कार्यस्थलों पर स्वास्थ्य पेशेवरों के खिलाफ हिंसा की जांच के लिए केंद्रीय कानून बनाया जाए।
लखनऊ के नागरिकों, महिला तथा सामाजिक व सांस्कृतिक संगठनों द्वारा कलकत्ता मेडिकल कॉलेज में महिला डाक्टर की जघन्य हत्या व बलात्कार तथा अपराधी को बचाने के कुत्सित प्रयास के खिलाफ दिनांक 17 अगस्त को केजीएमयू गेट पर मानव श्रंखला बनाई जायेगी। सभी नागरिक और संगठन इसके लिए 03.30 से पौने चार के बीच ट्रामा सेंटर के गेट के पास एकत्र हो रहे हैं।
इस बीच देशभर से मिलने वाली मीडिया रिपोर्ट में सरकारी अस्पतालों की जो स्थिति बताई जा रही हैं, उनमें अस्पताल में व्यवस्था को ठप्प देखा जा सकता है।
शुरूआती पड़ताल के बाद ही केस सीबीआई के हवाले कर दिया गया है। इस पर बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार का कहना है कि हमें सीबीआई की जांच पर भरोसा करना चाहिए, बशर्ते सुबूतों के साथ कोई छेड़छाड़ ना की गई हो।
इस दौरान ममता बनर्जी ने भी महिलाओं के साथ कोलकाता में 16 अगस्त को एक रैली का आयोजन किया था।
डाक्टरों की हड़ताल का असर प्रदेश की राजधानी लखनऊ पर भी व्यापक रूप से देखा जा रहा है। बीती शाम रेजिडेंट्स डाक्टरों द्वारा 1090 चौराहे पर शांतिपूर्ण मार्च निकाला गया और न्याय की मांग की गई।
विरोध प्रदर्शन से केजीएमयू, पीजीआई, लोहिया और बलरामपुर सहित कई अस्पतालों में ओपीडी सेवाओं से लेकर जांच और सर्जरी तक प्रभावित हुई हैं। इस बीच हजारों की संख्या में मरीजों को बिना इलाज के लौटना पड़ा।
यहाँ भी डाक्टरों ने आईएमए के आह्वान पर आज सुबह 6 बजे से रविवार सुबह 6 बजे तक इमरजेंसी और जरूरी सेवाओं को छोड़कर शेष को बंद रखने का फैसला लिया है।