संयुक्त राष्ट्र ने बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार पर सत्ता पर अपनी पकड़ बनाए रखने के लिए गंभीर अपराध करने का आरोप लगाया है।
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय ने हसीना वाजिद द्वारा नागरिकों के विरुद्ध किए गए अत्याचारों पर एक जांच रिपोर्ट जारी की है, जिसमें उनकी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं तथा मानवता के विरुद्ध अपराधों में उसकी संलिप्तता की ओर इशारा किया गया है।
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में कहा गया है कि पूर्व प्रधानमंत्री ने सत्ता पर नियंत्रण बनाए रखने की रणनीति के तहत प्रदर्शनकारियों पर जानबूझकर और व्यवस्थित कार्रवाई की, जिसमें 1,400 बांग्लादेशी मारे गए।
रिपोर्ट के अनुसार, जांच में सरकार विरोधी नागरिकों, प्रदर्शनकारियों और उनके समर्थकों पर हमला करने की नीति के सबूत मिले।
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार विभाग के प्रमुख वोल्कर तुर्क ने सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों सहित बांग्लादेश के पूर्व प्रशासन और अवामी लीग पार्टी से जुड़े दुर्भावनापूर्ण तत्वों पर गंभीर मानवाधिकार उल्लंघन का आरोप लगाया है।
जिनेवा से जारी रिपोर्ट में यह भी चिंता व्यक्त की गई कि इस तरह की कार्रवाइयां मानवता के विरुद्ध अपराध हो सकती हैं और इस संबंध में उनकी जांच होनी चाहिए।
रिपोर्ट में 1 जुलाई से 15 अगस्त, 2024 तक की घटनाओं की जांच के परिणाम भी प्रकाशित किए गए हैं। इस समय भारत में पनाह लेने वाली शेख हसीना के खिलाफ बांग्लादेश में गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है।
बताते चलें कि पिछले वर्ष बांग्लादेश में 45 दिनों तक चले सरकार विरोधी प्रदर्शनों में 1,400 लोग मारे गये थे।