विश्व एड्स दिवस प्रत्येक वर्ष पहली दिसंबर को मनाया जाता है। इसका उद्देश्य एचआईवी इंफेक्शन के प्रसार के कारण एड्स के प्रति जागरूकता बढ़ाने के अलावा इस बीमारी के कारण जीवन की जंग हार जाने वालों का शोक मनाना है।
दुनिया भर में सरकार तथा स्वास्थ्य संगठन एड्स की रोकथाम और नियंत्रण पर शिक्षा के साथ, इस दिन का निरीक्षण भी करते हैं। हर वर्ष इसकी एक थीम राखी जाती है। इस बार विश्व एड्स दिवस 2023 की थीम Let Communities Lead यानी ‘समुदायों का मार्ग दर्शन करने दें’ है।
विश्व एड्स दिवस के अवसर पर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दक्षिण पूर्व एशिया सहित पूरी दुनिया में सदस्य देशों, भागीदारों और समुदायों का आह्वान किया है कि 2030 तक एड्स के उन्मूलन में आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए साझेदारी मजबूत करने के साथ समुदायों को सशक्त बनाएं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन दक्षिण-पूर्व एशिया की क्षेत्रीय निदेशक डॉ पूनम खेत्रपाल सिंह के मुताबिक़ दुनियाभर में करीब 3.9 करोड़ लोग एचआईवी के साथ रह रहे हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने विश्व एड्स दिवस के मौके पर दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्र और पूरी दुनिया में सदस्य देशों, भागीदारों और समुदायों का आह्वान किया है कि 2030 तक एड्स के उन्मूलन में आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए साझेदारी मजबूत करते रहें और समुदायों को सशक्त बनाएं। WHO… pic.twitter.com/dGJRYCxAiM
— Punjab Kesari (@punjabkesari) November 30, 2023
आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2022 में तक़रीबन 13 लाख लोग एचआईवी से ग्रस्त हुए थे जिनमे करीब 6 लाख 30 हज़ार लोगों की एड्स से संबंधित कारणों के चलते मृत्यु हो गई।
इम्यूनिटी को नुकसान पहुंचाने वाली ये बीमारी को सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज यानी STD कहलाती है। इसके अलावा ये संक्रमित खून के चढ़ाने, संक्रमित इंजेक्शन का अन्य प्रयोग किय जाने वाले सामान से फैल सकता है। गर्भावस्था या फिर बच्चे को स्तनपान कराने से भी इसके होने का खतरा रहता है।
दक्षिण-पूर्व एशिया के रिकॉर्ड्स से ये खुलासा भी होता है कि क्षेत्र में करीब 39 लाख लोग एचआईवी ग्रस्त हैं जो दुनियाभर में इस बीमारी के शिकार लोगों का लगभग 10 प्रतिशत हैं।