लेकिन इन्हीं गतिविधियों के बीच अमरीका की तरफ़ से सीरिया पर संभावित हमले की खबरें भी उठ रही हैं, और इन्हीं हमले की खबरों को देखते हुए मास्को ने भूमध्य सागर में अपनी सैन्य उपस्थिति को बढ़ाया है, और उसको बढ़ाते हुए अपनी सीरिया में उपस्थिति से अब तक के सबसे उच्च स्तर पर पहुँचा दिया है।
इस हमले की ख़बर सबसे पहले अमरीकी राष्ट्रपति ट्रम्प के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जान बोलटन द्वारा दी गई। इस अमरीकी अधिकारी ने पिछले दिनों एलान किया कि विद्रोहियों के कब्ज़े वाले अंतिम क्षेत्र अदलिब में असद सरकार द्वारा रासायनिक हमले की स्थिति में इस देश की सरकार के विरुद्ध सैन्य कार्यवाही की जाएगी। उनके इस बयान के बाद रूस के विदेश मंत्री लावरोफ़ ने कहा, कि उनके देश को ख़बर मिली है कि वाशिंग्टन एक संभावित हमले की तैयारी कर रहा है। उन्होंने अमरीकी अधिकारियों के चेतावनी दी कि रासायनिक हथियार के प्रयोग पर अमरीका द्वारा किसी स्पष्ट तर्क के बिना सीरिया पर सैन्य आक्रमण इस देश के संकट के समाधान को और कठिन बनाएगा।
पश्चिम के शैतानी तिर्कोण, अमरीका, ब्रिटेन, और फ्रांस घड़ियाली आँसुओं और बनावटी क्रोध दिखाकर सीरिया सरकार पर आम नागरिकों पर रासायनिक हथियार के प्रयोग के अपने पुराने दावे को एक बार फिर प्रयोग करते हुए सैन्य आक्रमण की धमकी दे रहे हैं।
सैन्य सूत्रों के अनुसार सीरिया की सैन्य कमांड ने सभी मीसाइल इकाई को आदेश दिया है कि रेड एलर्ट पर रहें, और इन इकाईयों की दिए गए अंतिम प्रशिक्षण के अनुसार शत्रु की किसी भी शत्रुतापूर्ण कार्यवाही का सीधा उत्तर दें, और उसके लिए किसी आदेश की प्रतीक्षा न करें। अमरीकी अधिकारी जो सामान्यता आतकंवादियों के मुकाबले में सीरियाई सेना के बलों की बढ़त पर रासायनिक हमलें की संभावना व्यक्त करते हैं ने रूसी अधिकारियों से कहा है कि सीरिया विद्रोहियों के कब्ज़े वाले अंतिम क्षेत्र अदलिब की प्राप्ति के लिए अगर सेना ने रासायनिक हथियार का प्रयोग किया तो वाशिंग्टन सीरिया के विरुद्ध एक शक्तिशाली सैन्य अभियान चलाएगा।
इस संबंध में रियानोस्टी ने रूस के रक्षा मंत्रालय के हवाले से रिपोर्ट दी है कि आतंकवादी सीरिया के अदलिब प्रांत के कफ़र ज़ैता में रासायनिक हमला करने वाले और उसको दोष वह सीरियाई सेना पर मढ़ेगे। आतंकवादी संगठन तहरीर अलशाम, जिसका नुस्राफ्रंट एक मुख्य अंग है वह सीरियाई सेना पर रासायनिक हमले का आरोप लगाने के लिए अदलिब में रासायनिक हमला करने वाला है।
उसने संघर्षरत पक्षों के बीच रूसी शांति केंद्र की सूचनाओं के आधार पर कहा हैः इग्लिश बोलने वाले विद्रोही गुट के कुछ सदस्य आतंकवादियों को करेल गैस का प्रयोग सिखाने के लिए अदलिब गए हैं। आतकंवादी कफ़र ज़ैता में एक रासायनिक हमला करने वाले हैं, जो कि अदलिब से 6 किलोमीटर की दूरी पर है।
रूसी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा है कि रासायनिक हमले की फिल्म बनाने के बाद आतंकवादी संगठन व्हाइट हेलमेट के सदस्य इस फ्लिम को मध्य पूर्व की मीडिया में जारी करने के लिए उसको इग्लिश में अनुवादित करने का कार्य कर रहे हैं।
उन्होंने यह बयान करते हुए कि इससे पहले कुछ आतकंवादों ने सीरिया उत्तरी क्षेत्र में रहने वाले कुछ लोगों को अदलिब के इस क्षेत्र में पहुँचाया है और रासायनिक हमले की वीडियो फ्लिम में इन्हीं लोगों को दिखाया जाना है कहाः प्रोग्राम के अनुसार रासायनिक हमले की फ्लिमिंग के बाद, सीरियाई सेना पर रासायनिक हमले का आरोप लगाया जाएगा, और व्हाइट हेलमेट के सदस्य रासायनिक हमले में घायल स्थानीय लोगों की सहायता करेंगे।
रूसी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने शनिवार को भी कहा था कि अमरीका, फ्रांस और ब्रिटेन सीरिया पर नए हमले की तैयारी कर रहे हैं, और उसके लिए यूएसएस सुलिवान और यूएस 1 बॉम्बर फ़ारस की खाड़ी और कतर एक अलअदीद छावनी पर पहुँच चुके हैं।
अमरीका और उसके सहयोगी देशों ने हाल के कुछ वर्षों में कई बार सीरिया पर बेतुके आरोप लगाए हैं, ऐसे आरोप जो कि कभी साबित नहीं हो पाए, और वह केवल अमरीकी अधिकारियों और ब्रिटेन एवं फ्रांस जैसे दूसरे पश्चिमी देशों के नेताओं के लिए सीरिया के बेगुनाह लोगों की हत्या के लिए एक बहाना मात्र रहा है। इससे पहले भी दो बार आतंवादियों के ठिकानों पर रासायनिक हमले के बहाने से अमरीका ने सीरियाई सेना पर हमला किया था। अमरीका और उसके सहयोगी देशों ने पिछले वर्ष ख़ान शैख़ून में सीरियाई सेना द्वारा रासायनिक हथियारों का प्रयोग करने के बहाने से अलशईरात सैन्य बेस पर 59 मीसाइल दाग़े थे। पश्चिमी देशों द्वारा किया गया यह दावा बाद में झूठा साबित हुआ था।
सीरियाई सेना ने ख़ान शैख़ून में आतंकवादियों के एक ठिकाने पर पिछले वर्ष हमला किया, यह वह स्थान था जिसके बारे में सीरियाई सेना को भी नहीं पता था कि वह आतंकवादियों द्वारा रासायनिक हथियार बनाने के अड्डा था। इस अड्डे से निकलने वाली गैस से कुछ आतंवादी और कुछ सीरियाई नागरिकों की मौत होती है, और अमरीका एवं उसके सहयोगी देश अपनी इज्ज़त बचाने के लिए बहुत ही तीव्रता से दमिश्क सरकार के विरुद्ध प्रोपगंडा करते हैं, ताकि इस प्रकार वाशिंग्टन एवं पश्चिमी देशों द्वारा सीरियाई नागरिकों की हत्या के लिए आतंकवादियों को रासायनिक पदार्थ दिए जाने का भेद न खुल जाए, और उसके बाद सीरियाई सेना पर रासायनिक हमले का आरोप मढ़ देते हैं।
इस वर्ष भी अमरीका ने फ्रांस और ब्रिटेन के साथ मिलकर पूर्वी गोता के दोमा में सीरियाई सेना द्वारा हमले का बेबुनियाद आरोप लगाते हुए सीरिया सेना के 10 सैन्य एवं अध्ययन केंद्रों पर 103 मीसाइल दागे।
इससे पहले भी पश्चिमी-अरबी-इबरी मीडिया ने एक ही समय में पूर्वी गोता के दोमा शहर पर रासायनिक हमले की ख़बर प्रकाशित की और खबर के प्रकाशन के आरम्भ से ही बिना किसी सबूत या दस्तावेज़ के इस रासायनिक हमले का आरोप सीरियाई सेना पर लगाया, मीडिया द्वारा झेड़े गए प्रोपगंडे के कुछ दिनों बाद ही यह साबित हो गया कि वहां पर किसी रासायनिक हथियार का प्रयोग ही नहीं किया गया था, और यह एक पश्चिमी मीडिया की साज़िश थी जो कि सीरियाई सेना से घिरे हुए आतंकवादियों के बचाने के लिए व्हाइट हेलमेट द्वारा पश्चिमी मीडिया के साथ मिलकर रची गई थी।