शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे इस समय असम में है और बागी विधायकों के साथ राजधानी गुवाहाटी में जमा हुए हैं। विधायकों के बागी तेवर के चलते मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कल रात सीएम का सरकारी बंगला छोड़ कर अपने पुश्तैनी मकान मातोश्री में शरण ली है।
राज्य के महा विकास अघाड़ी गठबंधन विधायकों को वापस बुलाए जाने की हर मुमकिन कोशिश की जा रही है। अपने संबोधन में ठाकरे ने कल सीएम पद और शिवसेना प्रमुख की जिम्मेदारी छोड़ने की पेशकश की ओर इस बीच उन्होंने शिंदे को सीएम बनाने की बात कही। दूसरी तरफ भाजपा इन बागी विधायकों पर कड़ी नजर रखे है।
एकनाथ शिंदे जब बुधवार को सूरत से अपने समर्थक विधायकों के साथ गुवाहाटी के लिए रवाना हुए तो किसी ने नहीं सोचा था कि उसी रात ‘वर्षा’ के अपने सरकारी आवास को छोड़कर उद्धव ठाकरे भी ‘मातोश्री’ शिफ्ट हो जाएंगे। खुद को बालासाहेब ठाकरे का सच्चा सिपाही बताते हुए एक नाथ शिंदे कहते हैं कि शिवसेना ने हिंदुत्व के साथ समझौता कर लिया है।
महाराष्ट्र में चल रहे इस सियासी संकट के बीच राकांपा प्रमुख शरद पवार ने पार्टी विधायकों की बैठक बुलाई है। अभी तक उनका कहना था कि शिवसेना विधायकों का विद्रोह पार्टी का आंतरिक मामला है। उन्होंने ये भी कहा था कि एमवीए में भागीदार राकांपा इसमें हस्तक्षेप नहीं करेगी।