नयी दिल्ली 22 दिसंबर : कृषि सुधार कानूनों के विरोध में किसान संगठनों का राष्ट्रीय राजधानी की सीमा के निकट क्रमिक अनशन आज दूसरे दिन भी जारी रहा। किसानों के आंदोलन का आज 27वां दिन है।
किसान संगठनों ने अनशन राजधानी के धरना स्थलों पर शुरु किया है जो लगातार जारी रहेगा। अनशन 11 किसान नेताओं ने शुरु किया था। अनशन में हर दिन अलग-अलग किसान नेता हिस्सा लेंगे। किसान संगठनों के कल किसान दिवस के अवसर पर लोगों से दोपहर का भोजन नहीं करने की अपील की गयी है ।
इस बीच सरकार ने किसान संगठनों को एक बार फिर बातचीत का प्रस्ताव भेजा है और उनसे मुद्दे एवं समय बताने का अनुरोध किया है। कृषि मंत्रालय की ओर से 40 किसान संगठनों को भेजे गए पत्र में आंदोलन और पांच दौर की बातचीत की विस्तार से चर्चा की गई है। सरकार ने किसान संगठनों को कृषि कानूनों में संशोधन करने का जो प्रस्ताव दिया है उसका भी उल्लेख किया गया है।
किसान संगठनों ने कहा है कि सरकार के प्रस्ताव पर मंगलवार को चर्चा की जाएगी और उसके बाद कोई निर्णय लिया जाएगा। अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस की महासचिव अमरजीत कौर ने कहा है कि मजदूर संगठन किसानों कल प्रस्तावित भूख हड़ताल का समर्थन करेगा और दोपहर का भोजन नहीं लेगा।
कई किसान संगठनों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात का विरोध करने और इस दौरान किसानों से थाली बजाने को अपील की है। किसान संगठन लगातार सरकार से तीन कृषि सुधार कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं और सरकार कानूनों में संशोधन करने के प्रस्ताव पर अड़ी हुई है। किसान संगठन और सरकार के बीच पांच दौर की बातचीत हो चुकी है लेकिन उसमें कोई ठोस नतीजा अभी नहीं निकला है।
इस बीच किसान संगठनों के प्रतिनिधि उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा और महाराष्ट्र आदि राज्यों से राष्ट्रीय राजधानी की ओर प्रस्थान करने लगे हैं ।