उत्तर प्रदेश सरकार ने प्राथमिक विद्यालयों में संविदा पर कार्यरत शिक्षामित्रों के काम करने की अधिकतम आयु सीमा तय कर दी है। सामान्य शिक्षकों की तरह ही अब शिक्षामित्र भी अधिकतम 60 वर्ष पर सेवानिवृत्त होंगे। हर वर्ष पहले की तरह उनका नवीनीकरण किया जाएगा।
बेसिक शिक्षा के अनुसार शिक्षामित्रों की संविदा आधारित सेवाएं उनकी 60 वर्ष की आयु प्राप्त करने के दिन को स्वत: समाप्त माने जाने का निर्णय लिया गया है।
नियमित शिक्षकों की कमी के चलते वर्ष 1999 में प्राथमिक स्कूलों में संविदा पर शिक्षामित्रों की तैनाती की गई थी। इस समय इनकी संख्या तक़रीबन 1 लाख 46 हज़ार है।
शिक्षामित्र अब 60 साल में होंगे सेवानिवृत्त https://t.co/A3z99rwfpt
— शासनादेश डॉट कॉम (@Shasnadesh) February 18, 2023
बाद में इन शिक्षा मित्रों का धीरे-धीरे मानदेय बढ़ाया गया और 2014 में ट्रेनिंग आदि के ज़रिये पहले बैच के शिक्षामित्रों को समायोजित किया गया। मगर इसके बाद इनका समायोजन निरस्त कर दोबारा मानदेय पर ही कार्य लिया जाने लगा।
इस समय शिक्षामित्र 10 हजार रुपये प्रतिमाह मानदेय पा रहे हैं। इन कार्यरत शिक्षामित्रों को 11 माह का मानदेय दिया जाता है। प्रत्येक वर्ष इनका विभाग द्वारा नवीनीकरण किया जाता है।
लखनऊ में 20 फरवरी को शिक्षामित्रों ने नियमितीकरण की मांग को लेकर महासम्मेलन का निर्णय लिया है। इसमें शिक्षामित्र अपने परिजनों के साथ शामिल होंगे। सम्मेलन की कामयाबी हेतु इन्होने राज्य कर्मचारी संघ से भी संपर्क बनाया हुआ है जिससे ये लोग अपनी मांगों को दृणता से रख सकें।