भारत का नालंदा विश्वविद्यालय आसियान छात्रों को लगभग दोगुनी छात्रवृत्ति देगा। विदेश मंत्रालय में सचिव (पूर्व) जयदीप मजूमदार ने शुक्रवार को एलान किया कि भारत ने नालंदा विश्वविद्यालय में आसियान छात्रों के लिए छात्रवृत्ति लगभग दोगुनी करने का निर्णय लिया है।
लाओस में पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के इंडो-पैसिफिक विजन और क्वाड सहयोग में इंडो-पैसिफिक क्षेत्रीय वास्तुकला में आसियान की केंद्रीय भूमिका पर महत्व दिया।
नालंदा को उच्च शिक्षा के लिए एक प्रमुख संस्थान के रूप में स्थापित करने के मक़सद से सरकार ने वित्तीय सहायता और बुनियादी ढांचा विकास प्रदान किया है।
प्रधानमंत्री का कहना है कि, पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में भारत की भागीदारी इसकी एक्ट ईस्ट नीति का एक महत्वपूर्ण स्तंभ थी। उन्होंने भारत की इंडो-पैसिफिक महासागर पहल तथा इंडो-पैसिफिक पर आसियान आउटलुक के बीच समानता एवं आम दृष्टिकोण की बात की। साथ ही उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि, क्षेत्र को विस्तारवाद पर आधारित दृष्टिकोण के बजाय विकास आधारित दृष्टिकोण अपनाना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि एक स्वतंत्र, खुला, भारत का प्रयास है कि नालंदा विश्वविद्यालय का पुनरुद्धार करने के साथ शिक्षा के केंद्र के रूप में इस ऐतिहासिक विरासत को फिर बढ़ावा दिया जाए। इस संबंध में भारत सरकार ने विश्वविद्यालय की स्थिति एवं क्षमताओं को बढ़ाने के लिए कई तरह के प्रयास किए हैं।
विश्वविद्यालय के शैक्षणिक वातावरण को विस्तार देते हुए दुनिया भर के विश्वविद्यालयों के साथ सहयोग को बढ़ावा देकर, भारत वैश्विक विद्वानों और छात्रों को आकर्षित करना का लक्ष्य बनाए है।
नालंदा विश्वविद्यालय का पुनरुद्धार भारत की शैक्षिक परिदृश्य को बढ़ाने के साथ वैश्विक ज्ञान अर्थव्यवस्था में इसके ऐतिहासिक महत्व की पुष्टि करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
नालंदा के पुनुरुत्थान को भारत के समृद्ध शैक्षिक इतिहास को बढ़ावा देने के तरीके के रूप में देखा जा रहा है, जो विद्वानों और पर्यटकों दोनों को आकर्षित करता है। इसके अलावा विश्वविद्यालय ज्ञान अर्जित करने के साथ अनुसंधान जैसे लक्ष्यों पर जोर देता है।
समावेशी, समृद्ध और नियम-आधारित इंडो-पैसिफिक क्षेत्र शांति और विकास के लिए महत्वपूर्ण है।
पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन की सफलतापूर्वक मेजबानी के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने लाओस के प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया। आसियान के नए अध्यक्ष के रूप में उन्होंने मलेशिया को शुभकामनाएं दीं और भारत का पूरा समर्थन ज़ाहिर किया।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने नालंदा विश्वविद्यालय में आयोजित होने वाले उच्च शिक्षा प्रमुखों के सम्मेलन के लिए ईएएस देशों को निमंत्रण भी दिया।