लंदन के विश्व प्रसिद्ध मेडिकल रिसर्च जर्नल लैंसेट ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि गाजा में मरने वालों की आधिकारिक संख्या भले ही 38,000 से अधिक है, लेकिन वास्तविक संख्या इससे कहीं अधिक हो सकती है।
लैंसेट रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक, गाजा में कुल आबादी 23 लाख है, जिसमें 8% आबादी युद्ध का ईंधन बन गई, जिसमें बड़ी संख्या महिलाओं और मासूम बच्चों की है। अध्ययन में पाया गया कि यह आंकड़ा गाजा की युद्ध-पूर्व जनसंख्या 2.3 मिलियन का लगभग 8 प्रतिशत है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि गाजा में मरने वालों की संख्या 38,200 से अधिक है, लेकिन फ़ूड डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क और अन्य महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे के व्यापक विनाश के कारण वास्तविक मृत्यु दर बहुत अधिक हो सकती है।
गाजा में कुल आबादी का 8 फीसद युद्ध का ईंधन बन चुकी है, इनमे जिसमें बड़ी संख्या महिलाऐं और बच्चे हैं। इस बीच संयुक्त राष्ट्र के लिए काम करने वाले स्वतंत्र मानवाधिकार विशेषज्ञों का कहना है कि गाजा में अकाल पूरी पट्टी में फैल गया है।
इस बीच संयुक्त राष्ट्र की के लिए काम करने वाले स्वतंत्र मानवाधिकार विशेषज्ञों का कहना है कि गाजा पट्टी में कुपोषण के कारण कई और बच्चों की मौत से पता चलता है कि अकाल पूरी पट्टी में फैल गया है।
समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, संयुक्त राष्ट्र के तहत काम करने वाले 11 मानवाधिकार विशेषज्ञों के समूह ने एक हालिया बयान में कहा कि खान यूनिस के दक्षिणी क्षेत्र और दीर अल-बाला के मध्य क्षेत्र में कुपोषण के कारण, मई के अंत में क्रमश: 13 साल, 19 साल और 6 महीने की उम्र के तीन बच्चों की मौत का जिक्र किया गया है।
लैंसेट जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि फिलिस्तीनी शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र राहत और कार्य एजेंसी को भी फंडिंग में महत्वपूर्ण कटौती का सामना करना पड़ रहा है।
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इस गंभीर स्थिति के कारण गाजा में अप्रत्यक्ष मौतें, प्रत्यक्ष मौतों की तुलना में तीन से 15 गुना अधिक हो सकती हैं।
लैंसेट रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रत्येक प्रत्यक्ष मौत के लिए चार अप्रत्यक्ष मौतों के अनुमान का उपयोग करते हुए, यह अनुमान लगाना असंभव नहीं है कि मरने वालों की संख्या 186,000 या उससे भी अधिक हो सकती है।
रिपोर्ट में मरने वालों की सटीक संख्या निर्धारित करने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा गया है कि ऐतिहासिक जवाबदेही सुनिश्चित करने और युद्ध की पूरी लागत को पहचानने के लिए तथ्यों का सही होना महत्वपूर्ण और कानूनी आवश्यकता है।
गौरतलब है कि इस साल फरवरी में संयुक्त राष्ट्र द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, मलबे के नीचे 10,000 शव दबे हुए हैं, जबकि गाजा की 35 फीसदी इमारतें नष्ट हो गई हैं।
कुपोषण पर गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि भोजन की कमी के कारण 33 बच्चों की मौत हो गई है और उनमें से अधिकांश उत्तरी क्षेत्रों से हैं।
विशेषज्ञों ने कहा कि मध्य गाजा में चिकित्सा सहायता के प्रावधान के बावजूद, इसमें कोई संदेह नहीं है कि अकाल उत्तरी गाजा से मध्य और दक्षिणी गाजा तक फैल गया है।
बयान पर हस्ताक्षर करने वालों में भोजन के अधिकार के लिए विशेष प्रतिनिधि माइकल फाखरी भी शामिल थे, और उन्होंने फिलिस्तीनियों के खिलाफ इजरायल के जानबूझकर और लक्षित भूख अभियान की निंदा की।
दूसरी ओर, जिनेवा में इज़राइल के राजनयिक मिशन ने कहा कि बयान झूठी जानकारी पर आधारित था और दावा किया कि इज़राइल पूरे गाजा में मानवीय सहायता का समर्थन और संचार कर रहा है और हाल ही में एक निलंबित जल संयंत्र को बहाल किया है।