2027 तक उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन इकॉनमी बनाये जाने का लक्ष्य
उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन डालर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए योगी सरकार ने खाका तैयार कर लिया है। इस लक्ष्य को पाने के लिए 2027 तक का टारगेट है। इस टारगेट को पूरा करने में तकरीबन 40 लाख करोड़ रुपये की धनराशि खर्च किये जाने का अनुमान लगाया गया है।
यूपी को वन ट्रिलियन डॉलर इकॉनोमी बनाने वाले इस प्रस्ताव को जल्द कैबिनेट से पास कराया जाएगा। ये निवेश स्वास्थ्य, शिक्षा, न्यायिक प्रणाली, बुनियादी ढांचा, भारी उद्योग आदि के क्षेत्र में किया जायेगा। इसका खाका तैयार कर लिया गया है।इसे जल्द ही कैबिनेट में रखा जाएगा।
वन ट्रिलियन डालर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य पाने के लिए सरकार के मुताबिक सलाना विकास दर 30 से 35 प्रतिशत तक बढ़ानी होगी। प्रत्येक वर्ष के ग्रास स्टेट डोमेस्टिक प्रोडेक्ट के निवेश को बढ़ाकर 43 से 47 प्रतिशत करना होगा। इसके अलावा मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के लक्ष्य को बढ़ाकर वर्तमान का 45 प्रतिशत तक ले जाना होगा। इन उपायों से राज्य में अधिक से अधिक इकाइयां लगने के साथ रोजगार में इज़ाफ़ा होगा और प्रदेश की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।
प्रदेश में आधुनिक चिकित्सा व्यवस्था पर करीब 2.1 लाख करोड़ व्यय किया जायेगा। बिजली की मद में 13 लाख करोड़, सड़क के लिए 25 लाख करोड़ और न्यायिक प्रणाली पर 200 करोड़ रुपये खर्च किए जाने की उम्मीद है।
निवेश को बढ़ावा देने के लिए निवेशकों को लुभाने के सम्बन्ध में भी नीति का खाका तैयार किया गया है। इसमें इंफ्रास्ट्रक्चर, मैन्युफैक्चरिंग, सर्विस और नई इकोनॉमी को विभिन्न चरणों में बांट कर इस विषय में भी खाका तैयार किया गया है। इंफ्रास्ट्रक्चर को हार्ड और साफ्ट क्षेत्रों में बनता गया है। लॉजिस्टिक, पॉवर और एनर्जी को हार्ड इंफ्रास्ट्रक्चर में रखा गया है जबकि शिक्षा, स्वास्थ्य, न्यायिक प्रणाली, नियामक को साफ्ट इंफ्रास्ट्रक्चर में जगह मिली है।
प्रदेश में आधुनिक चिकित्सा व्यवस्था पर सरकार की ओर से करीब 2.1 लाख करोड़ व्यय किया जायेगा। लक्ष्य पूर्ती के लिए ये व्यय 2022 से 2027 के बीच किया जाना है। इसके अंतर्गत 24 लाख बेड के अस्पताल का निर्माण और तकरीबन 4.35 लाख डॉक्टर्स तथा 17 लाख नर्सों की भर्ती की जाएगी। दूसरी ओर हार्ड इंफ्रास्ट्रक्चर के अंतर्गत अधीनस्थ न्यायालय में 1092 जज की नियुक्ति के अलावा हाईकोर्ट में 90 नए जज की नियुक्ति की जाएगी। बिजली की मद में 13 लाख करोड़, सड़क के लिए 25 लाख करोड़ और न्यायिक प्रणाली पर 200 करोड़ रुपये खर्च किए जाने की उम्मीद है।