लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी से अलग होकर अपनी पार्टी बनाने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य ने बीएसपी सुप्रीमो पर एक बार फिर जमकर निशाना साधा। दयाशंकर सिंह कांड पर मौर्या ने कहा कि ये मायावती का निजी मामला है, लेकिन उन्होंने इसे पूरे दलित समाज से जोड़ने की कोशिश की है।
प्रेस कान्फ्रेंस के दौरान मीडिया से मुखातिब होते हुये स्वामी प्रसाद मौर्या ने कहा कि 5 साल तक मायावती को दलितों की याद नहीं आई। तब जब दलितों की हत्याएं होती रहीं, बलात्कार होते रहे, लाशों को पेड़ों पर टांगा गया, तब उन्हें धरना और आंदोलन याद नहीं आया। मौर्य ने कहा, ‘दलितों की देवी बनना उनका दिखावा है, महज़ ढोंग है। स्वामी का मानना है कि दयाशंकर सिंह मामले में मायावती बैकफुट पर आई हैं। इसका सुबूत है कि मायावती को सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय रैली करनी पड़ रही है। मायावती को संसद छोडकर लखनऊ आना पड़ रहा है।
गौरतलब है कि हाल में बहुजन लोकतांत्रिक मंच के नाम से नई पार्टी बनाने वाले मौर्य ने भी मायावती पर टिकट बेचने के आरोप लगाये थे। इन आरोपों के साथ ही उन्होंने बीएसपी को छोड़ दिया था। जिसके बाद जब भी मौका मिलता है स्वामी प्रसाद मौर्या बीएसपी सुप्रीमो पर निशाना साधते रहते हैं। इस बार भी उन्होंने कहा कि मायावती दलितों पर अत्याचार के वक्त चुप रही लेकिन जब एक टिप्पणी उनके खिलाफ हुई तो वो धरना प्रदर्शन पर उतर आयीं। दयाशंकर के परिवार पर बीएसपी नेताओं और कार्यकर्ताओं के रवैये को लेकर स्वामी प्रसाद ने कहा कि गाली का जबाब गाली नहीं हो सकता। उन्होंने कहा, ‘अगर वो दलितों के खिलाफ अपमान पर पहले धरना देतीं तो मैं बसपा नहीं छोड़ता। मौर्या ने सवाल किया कि जब दलितों की हत्याएं बलात्कार हो रहे थे, तब वो कहां थीं? तब अगर वो दलितों के मुद्दे पर धरना या प्रदर्शन करतीं तो ये नौबत नहीं आती।