सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को दिल्ली विश्वविद्यालय के समीप वन क्षेत्र में बड़ी संख्या में पेड़ों की कटाई के मुद्दे वाली अदालत की अवमानना याचिका पर नोटिस जारी किया है।
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली फॉरेस्ट रिज में बड़े पैमाने पर पेड़ों की कटाई से जुड़े मामले की सुनवाई करते हुए चिंता व्यक्त की है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश के खिलाफ अपील पर डीडीए उपनिदेशक सहित अन्य विभागों के अधिकारियों को भी नोटिस जारी किया है।
कोर्ट ने इन लोगों को अगली सुनवाई में पेश होने का आदेश दिया है और मामले की अगली सुनवाई के लिए 14 मई की तारीख तय की है।
इसके अलावा अदालत ने यथास्थिति बनाए रखने का भी आदेश दिया है, यानी प्रतिवादी अधिकारी फिलहाल किसी भी पेड़ की कटाई में शामिल नहीं हो सकता है।
#BreakingNews|CR| दिल्ली के साउथ और सेंट्रल रिज में बुद्ध जयंती पार्क में पेड़ों की कटाई का मामला
मामले में दायर अवमानना याचिका पर नोटिस
जस्टिस अभय एस ओक की अध्यक्षता वाली पीठ हुई नाराज
बिना कोर्ट की अनुमति के पेड़ काटने से हुई नाराज
सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी टिप्पणी करते हुए… pic.twitter.com/fZH4Dl0gL4
— Bharat 24 – Vision Of New India (@Bharat24Liv) May 9, 2024
प्राप्त जानकारी के अनुसार बेंच ने सुनवाई के दौरान कहा कि अगर हम संतुष्ट होंगे तो फिर से पेड़ लगाने के लिए कहेंगे। याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ वकील मुकल रोहतगी ने कहा कि रिज मैनेजमेंट बोर्ड की संवैधानिक वैधता की जांच करने का समय आ गया है। यह पेड़ों की कटाई को अधिकृत कर रहा है, जिसे रिज डिस्ट्रक्शन बोर्ड कहा जा रहा है।
गौरतलब है कि मामला छतरपुर रोड और मैदान गढ़ी के पास सार्क यूनिवर्सिटी के बीच सड़क निर्माण के लिए 1,000 से अधिक पेड़ों की कटाई से जुड़ा है।
कोर्ट ने पिछली सुनवाई में कहा था कि कोर्ट की रोक के बावजूद डीडीए ने सड़क निर्माण के लिए पेड़ काटना जारी रखा। यह कोर्ट के आदेश का उल्लंघन है। इस मामले पर कोर्ट का कहना है कि पहली नज़र में सड़क निर्माण के लिए पेड़ काटने की डीडीए की कार्रवाई कोर्ट के आदेश का उल्लंघन प्रतीत होती है। कोर्ट ने इस संबंध में 8 फरवरी और 4 मार्च 2024 को आदेश जारी किए थे।