सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों का पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल आज मणिपुर के इंफाल पहुंचा। ये प्रतिनिधिमंडल न्यायमूर्ति बीआर गवई के नेतृत्व में राहत शिविरों का दौरा करेगा।
इस प्रतिनिधिमंडल में न्यायमूर्ति बीआर गवई के अलावा सूर्यकांत, विक्रम नाथ, एमएम सुंदरेश, केवी विश्वनाथन और एन कोटिश्वर शामिल हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़, उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों का यह प्रतिनिधिमंडल शनिवार सुबह यहां हवाई अड्डे पर पहुंचा। इस दल का मणिपुर में जातीय हिंसा के कारण विस्थापित हुए लोगों से मिलने का कार्यक्रम है। सुप्रीम कोर्ट के ये जज रविवार को मणिपुर उच्च न्यायालय में एक कार्यक्रम में भी भाग लेंगे।
मणिपुर पहुँचने वाले प्रतिनिधिमंडल ने भी अपने बयान में कहा है कि उन्हें इस यात्रा का बेसब्री से इंतजार था और यहां आकर यह लोग ख़ुशी महसूस कर रहे हैं।
अधिकारियों द्वारा प्राप्त जानकारी में कहा गया है कि न्यायाधीश राहत शिविरों का दौरा करेंगे और चुराचांदपुर जिले में लघु सचिवालय से कानूनी सेवा शिविरों, कानूनी सहायता केन्द्रों और अस्थायी चिकित्सा केन्द्रों का वर्चुल माध्यम से उद्घाटन करेंगे। इसके बाद यह दल बिष्णुपुर में मोइरांग कॉलेज में एक राहत शिविर का दौरा करेंगे।
मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया है कि एएमबीए के अध्यक्ष पुयम तोमचा मीतेई ने जानकारी में बताया है कि उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों का यह दौरा ऐतिहासिक और अपनी तरह का पहला दौरा है।
बताते चलें कि मणिपुर में 3 मई 2023 से मैतेयी और कुकी समूहों के बीच जातीय हिंसा जारी है। ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ़ मणिपुर (ATSUM) की एक रैली के बाद भड़कने वाली यह हिंसा पूरे राज्य में फैल गई थी। स्थिति को काबू में लाने के लिए केंद्र सरकार को अर्धसैनिक बलों को तैनात करना पड़ा। इस हिंसा में अब तक 250 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों की संख्या में बेघर हुए हैं।
इस दौरान इंफाल पश्चिम और उखरुल जिलों में नए विधिक सहायता क्लीनिकों की भी शुरुआत की जाएगी। इसके अलावा आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों को आवश्यक राहत सामग्री का वितरण भी किया जाएगा।
गौरतलब है कि कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने 18 मार्च को हिंसा प्रभावित मणिपुर में राहत शिविरों का दौरा करने वाले सुप्रीम कोर्ट के छह जजों के फैसले का स्वागत किया था।