लखनऊ: आतंकवाद को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए शिया और सूफी मुसलमान एक हो गए हैं। लखनऊ के बड़ा इमामबाड़ा में 25 मार्च को आयोजित आतंकवाद विरोधी शिया तथा सूफी सद्भावना सम्मेलन में उन्होंने अपनी एक जुटता का ऐलान किया। आतंकवाद और मुसलमानों की समस्याओं पर विचार-विमर्श करने के लिए शिया व सूफी हजरात के बीच सहमति बनी है।
सम्मेलन में राष्ट्रीय, अंर्तराष्ट्रीय और कौमी समस्याओं पर गौर किया गया। इस मौके पर सैकड़ों की संख्या में लोग पहुंचे। सभी ने मिलकर आतंकवाद का खत्म करने का लक्ष्य बनाया है। शिया व सूफी के साथ हो जाने से निश्चित तौर पर यूपी से लेकर देश में एक अच्छी लहर दौड़ेंगी।
शिया व सूफी हजरात ने मिलकर भारत सरकार से कई मागें की है जो इस प्रकार है:
-राष्ट्रीय और अंर्तराष्ट्रीय स्तर पर हजरत इमाम हुसैन अ स और उनके साथियों की शहादत को और भी अधिक महत्वपूर्ण किया जाय।
-शिया और सूफियों को उनकी संख्या के हिसाब से केंद्रीय और राज्य स्तर पर सभी सरकारी विभागों में प्रतिनिधित्व की जिम्मेदारी दी जाय।
-हमारे प्रचार-प्रसार में सरकारें हमारा सहयोग करें।
-आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले सभी संगठनों पर कानूनी कार्रवाई की जाय।
-उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन और सदस्यों के आपराधिक कार्यों की जांच हो और उनके खिलाफ कार्रवाई हो।