लखनऊ: ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की आज लखनऊ में बैठक हुई। इस बैठक में ज्ञानवापी मस्जिद विवाद, समान नागरिक संहिता समेत विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने सभी से धार्मिक स्वतंत्रता और पर्सनल लॉ की रक्षा करने की अपील की।
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक में समान नागरिक संहिता के विभिन्न पहलुओं की समीक्षा के बाद बोर्ड ने कहा कि सभी नागरिकों को धार्मिक स्वतंत्रता का मौलिक अधिकार प्रदान किया गया है। बोर्ड ने कहा कि समान नागरिक संहिता भारत जैसे बहु-धार्मिक, बहुभाषी और बहु-सांस्कृतिक देश के लिए न तो संगत है और न ही फायदेमंद है। समान नागरिक संहिता को लागू करने की बात करना नागरिकों को संविधान द्वारा प्रदान की गई शक्तियों और अधिकारों का हनन है।
लखनऊ
➡आज ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बड़ी बैठक
➡पर्सनल लॉ बोर्ड के एग्जीक्यूटिव बोर्ड की आज बैठक
➡नदवा में सुबह 10 बजे से बोर्ड बैठक होगी
➡समान नागरिक संहिता पर रणनीति बनाई जा सकती
➡ज्ञानवापी-मथुरा मामले को लेकर भी चर्चा हो सकती है#Lucknow @AIMPLB_Official pic.twitter.com/zp4Ifb1kaz
— भारत समाचार | Bharat Samachar (@bstvlive) February 5, 2023
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने सभी से धार्मिक स्वतंत्रता और पर्सनल लॉ की रक्षा करने की अपील की। बोर्ड ने कहा कि राष्ट्रीय हित में धार्मिक स्थल अधिनियम 1992 का पालन किया जाना चाहिए। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने अदालतों से अल्पसंख्यकों और कमजोर वर्गों पर हो रहे अत्याचारों पर ध्यान देने का आग्रह किया क्योंकि न्यायपालिका सभी नागरिकों की आखिरी उम्मीद है। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने भी कानूनी कार्रवाई करने से पहले आरोपियों के घरों को तोड़े जाने पर कड़ी आपत्ति जताई थी।
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक में कॉमन सिविल कोड पर चर्चा हुई।देश के संविधान में हर शहरी को अपने धर्म पर अमल करने की आजादी दी गई है। इसमें इसलिए हुकूमत मजहबी आजादी का एहतराम करें और यूनिफॉर्म सिविल कोड को लागू करना एक गैर जरूरी अमल होगा @AIMPLB_Official pic.twitter.com/aCqTiDHJTq
— Vinod Kumar Mishra (@vinod9live) February 5, 2023
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड में 51 कार्यकारी सदस्य हैं। बैठक में बंदोबस्ती संपत्तियों की सुरक्षा और गरीबों और मुसलमानों की शिक्षा के अलावा महिलाओं के जीवन को बेहतर बनाने और सामाजिक जीवन में उनकी भागीदारी बढ़ाने के लिए बंदोबस्ती संपत्तियों के उपयोग पर चर्चा की गई। बोर्ड के सदस्य मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद समेत धर्म परिवर्तन के मामले पर भी चर्चा हुई।