बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी का सोमवार शाम निधन हो गया। वह पिछले कई महीनों से गले के कैंसर से पीड़ित थे। दिल्ली के ईएमएस अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली। उनकी आयु 72 वर्ष थी।
सुशील मोदी का अंतिम संस्कार आज पटना में होगा। अंतिम संस्कार से पहले उनका पार्थिव शरीर मंगलवार को पटना के राजेंद्र नगर स्थित उनके आवास पर लाया जाएगा।
उनके निधन की खबर आते ही राजनीतिक गलियारे में शोक का वातावरण बन गया। सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर सभी तरफ से उन्हें श्रद्धांजलि देने का सिलसिला शुरू हो गया।
#LIVE बीजेपी नेता सुशील मोदी का निधन: आज दिल्ली से पटना लाया जाएगा पार्थिव शरीर, राजधानी के गुलबी घाट पर होगा अंतिम संस्कारhttps://t.co/ssgfxYAt4N#sushilmodi #patna #Bihar pic.twitter.com/JETxnDjny7
— Dainik Bhaskar (@DainikBhaskar) May 14, 2024
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, लालू यादव और प्रधानमंत्री मोदी सहित कई वरिष्ठ नेताओं ने उनकी मृत्यु पर शोक जताया है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सह उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने अपने शोक सन्देश में एक्स पर लिखा- “पूर्व उपमुख्यमंत्री व पूर्व राज्यसभा सांसद श्री सुशील कुमार मोदी जी के निधन पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि। यह बिहार भाजपा के लिए अपूरणीय क्षति है।”
सुशील मोदी ने 1974 में जेपी आंदोलन में अहम भूमिका निभाई थी। अपना राजनैतिक सफर छात्र आंदोलन से शुरू किया और 1973 से 1977 तक पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ के महासचिव रहे।
सुशील मोदी की गिनती उन दिग्गज नेताओं में होती है जो चारों सदन के सदस्य रहे हैं। तीन बार बिहार विधानसभा के सदस्य रह चुके सुशील कुमार मोदी को पहली बार 1990 में विधायक चुना गया, उसके बाद 1995 और 2000 में भी जनता ने उन्हें ही चुना।
भागलपुर से वह पहली 2004 वर्ष में लोकसभा गए। इसके बाद से वे लगातार बिहार विधान परिषद के सदस्य रहे। सुशील मोदी 2020 में राज्यसभा के सांसद चुने गए।
उन्होंने वित्त सहित कई महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी संभाली और जीएसटी काउंसिल के चेयरमैन भी रहे।