सऊदी विदेश मंत्रालय ने ग्रेटर इजरायल पर आधारित मानचित्र की कड़ी निंदा की है और इसे खारिज करते हुए कहा है कि यह राज्यों की संप्रभुता पर खुलेआम हमले जारी रखने और अंतर्राष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करने के इरादे को दर्शाता है।
इजरायली विदेश मंत्रालय ने मानचित्र को प्रस्तुत करते हुए एक पोस्ट में लिखा- “क्या आप जानते हैं कि इजरायल का साम्राज्य 3000 साल पहले स्थापित हुआ था?”
पोस्ट में आगे कहा गया है कि प्रवासी यहूदी लोग अपनी शक्तियों और क्षमताओं के पुनरुद्धार और अपने राज्य के पुनर्निर्माण की प्रतीक्षा कर रहे थे, जिसे 1948 में इज़रायल राज्य में मध्य पूर्व में एकमात्र लोकतंत्र घोषित किया गया था।
सऊदी विदेश मंत्रालय ने जॉर्डन, लेबनान और सीरिया के विभिन्न क्षेत्रों पर आधारित ग्रेटर इज़राइल योजना के आधार पर इज़राइल द्वारा मानचित्र जारी करने की निंदा की और उसे अस्वीकार कर दिया।
इस इज़रायली पोस्ट के बाद फिलिस्तीन सहित अरब देशों में आक्रोश है। इन देशों ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इजरायल की विस्तारवादी महत्वाकांक्षाओं पर लगाम लगाने के साथ फिलिस्तीनी और अरब क्षेत्र पर कब्जा करने के प्रयास से रोकने का आह्वान किया है।
संयुक्त अरब अमीरात सहित जॉर्डन और कतर ने इजरायल के नए नक्शे को विस्तारवाद के साथ जोड़ा और इसकी निंदा की। वहीं, फिलिस्तीनी प्रशासन और हमास ने भी इजरायल के नक्शे पर नाराजगी जताई।
संयुक्त अरब अमीरात ने कथित “ऐतिहासिक इजरायल” मानचित्र के प्रकाशन की कड़े शब्दों में निंदा की है, जिसमें कब्जे वाले फिलिस्तीनी क्षेत्र, जॉर्डन, लेबनान और सीरिया के कुछ हिस्से शामिल हैं।
सऊदी विदेश मंत्रालय का कहना है कि इस तरह की निराधार और चरमपंथी कार्रवाइयां, कब्जा करने वाले अधिकारियों की अपनी पकड़ मजबूत करने की मंशा को दर्शाती हैं।
बयान में इस बात पर भी जोर दिया गया कि देशों की संप्रभुता और उनकी सीमाओं का सम्मान किया जाना चाहिए ताकि क्षेत्र को कठिनाइयों से बचाते हुए स्थायी आधार पर शांति स्थापित करने के प्रयास सफल हो सकें।