सऊदी अरब में महिलाएं किसी पुरुष ‘संरक्षक’ की इजाजत के बिना भी विदेश यात्रा कर सकेंगी। सऊदी अरब की सरकार ने गुरुवार को इस बारे में जानकारी दी।
इंडिया टीवी न्यूज़ डॉट कॉम के अनुसार, महिलाओं पर इस प्रतिबंध के कारण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सऊदी अरब आलोचनाओं का शिकार हो रहा था और इसी के कारण कई महिलाओं ने देश से भागने की कोशिश की थी।
इस ऐतिहासिक सुधार के बाद वह पुरानी संरक्षण प्रणाली समाप्त हो जाएगी जिसके तहत कानून महिलाओं को स्थायी रूप से नाबालिग समझता है और उनके ‘संरक्षकों’ यानी पति, पिता और अन्य पुरुष संबंधियों को उन पर मनमाना अधिकार प्रदान करती है।
महिला अधिकार कार्यकर्ताओं के कई वर्षों की मुहिम के बाद यह फैसला किया गया है। यह फैसला ऐसे समय में आया है जब कई महिलाओं ने अपने संरक्षकों से भागने की कोशिश की।
सऊदी अरब में पिछले साल भी एक ऐतिहासिक फैसला दिया गया था जिसके बाद यहां महिलाओं के वाहन चलाने पर लगा प्रतिबंध हटा दिया गया था। आधिकारिक गजट उम्म अल कुरा में प्रकाशित एक सरकारी फैसले में कहा गया है, ‘उस हर सऊदी नागरिक को पासपोर्ट दिया जाएगा जो आवदेन करता है।’
सरकार समर्थक ‘ओकाज’ समाचार पत्र और अन्य स्थानीय मीडिया ने वरिष्ठ प्राधिकारियों के हवाले से बताया कि यह नियम 21 वर्ष से अधिक आयु की महिलाओं को पासपोर्ट हासिल करने और उनके ‘संरक्षकों’ की अनुमति के बिना देश से बाहर जाने की अनुमति देगा।
#BREAKING: Saudi Arabia ends restrictions on women traveling: Royal Decree https://t.co/Yqgf7vOpLN pic.twitter.com/Gfgnc77dH1
— Arab News (@arabnews) August 1, 2019
इससे पहले सऊदी अरब में महिलाओं को विवाह करने, पासपोर्ट की वैधता बढ़ाने या देश से बाहर जाने के लिए पुरुष ‘संरक्षकों’ की अनुमति की आवश्यकता होती थी। वॉशिंगटन में अरब गल्फ स्टेट्स इंस्टीट्यूट के क्रिस्टीन दीवान ने कहा कि यह निर्णय महिलाओं को ‘अधिक स्वायत्तता’ देगा।
Saudi women no longer require a permission from a “male guardian” to travel or obtain a passport, a decree signed by King Salman bin Abdulaziz indicates. https://t.co/Yqgf7vwOUf pic.twitter.com/PEZIuLRVFU
— Arab News (@arabnews) August 1, 2019
दीवान ने कहा, ‘यदि (इसे) पूरी तरह लागू किया जाता है तो यह सऊदी महिलाओं को उनके जीवन को स्वयं नियंत्रित करने की अनुमति देने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा।’ हालांकि आलोचकों का कहना है कि जब तक ‘संरक्षण’ प्रणाली को समाप्त नहीं किया जाता है, यह सुधार नाममात्र होगा।