उज्जैन : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने केरल के मुख्यमंत्री पिनारायी विजयन का सिर काटने पर पुरस्कार का एलान करने वाले कुंदन चंद्रावत को निकाल दिया। Rss
संघ ने शुक्रवार (3 मार्च) को बयान जारी कर इसकी जानकारी दी। बता दें कि चंद्रावत ने उज्जैन में एक रैली के दौरान विजयन के साथ ही 2002 के गुजरात दंगों को लेकर भी भड़काऊ बयान दिए थे।
इन बयानों के बाद उनकी चौतरफा आलोचना हुई थी। आरएसएस की ओर से ट्वीट में मनमोहन वैद्य के हवाले से कहा गया, ”उज्जैन में प्रदर्शन के दौरान विवादित बयान देने वाले कुंदन को आरएसएस ने जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया।”
आरएसएस के इंदौर दफ्तर की ओर से जारी बयान में बताया गया, ”राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत संघचालक डॉ. प्रकाश शास्त्री ने आज घोषणा की कि उज्जैन में जनाधिकार समिति के धरने में विवादित बयान देने के कारण संघ के बारे में भ्रम निर्माण हुआ है इसलिए भाषण देने वाले श्री कुंदन जी चंद्रावत को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के दायित्व से मुक्त किया जाता है।
यद्यपि कुंदन जी चंद्रावत ने अपने कथन पर खेद व्यक्त कर कथन को वापस भी ले लिया है। उन्होंने एक बार पुन: सभी से अपील की कि एक व्यक्ति के बयान को संघ का अधिकृत विचार न माने।” इससे पहले चंद्रावत ने अपने बयान के लिए माफी मांग ली थी।
उज्जैन के आरएसएस प्रमुख डॉक्टर चंद्रावत ने कहा कि विजयन का सिर लाने का इनाम देने के लिए वह अपना घर तक बेचने को तैयार हैं।
यह बाते उन्होंने “केरल में मार्क्सवादियों के अत्याचार के विरुद्ध विशाल धरना प्रदर्शन” नामक एक कार्यक्रम में कही। उनका वीडियो भी सामने आया है, जिसमें वह इनाम की घोषणा कर रहे हैं।
वीडियो में आरएसएस लीडर कह रहे हैं, “हत्या का दोषी वो गद्दार समझता है कि हिंदुओं के खून में गौरव नहीं है, वो जज्बा नहीं है।
मैं डॉक्टर चंद्रावत इस मंच पर यह घोषणा करता हूं, जो मुझे विजयन का सिर काटकर ला देगा उसके नाम मैं अपना मकान और संपत्ति कर दूंगा। लेकिन ऐसे गद्दारों को इस देश के अंदर रहने का कोई अधिकार नहीं है। लोकतंत्र की हत्या करने का कोई अधिकार नहीं है।”
गोधरा का जिक्र करते हुए आरएसएस नेता ने कहा, “भूल गए क्या गोधरा को… 56 मारे थे। 2000 कब्रिस्तान में चले गए। इसी हिन्दू समाज ने उन्हें अंदर घुसा दिया।
वामपंथियो सुन लो! तुमने 300 प्रचारक और कार्यकर्ताओं की हत्या की है.. इसके बदले में हम भारत माता को 3 लाख नरमुंडो की माला पहनाएंगे।”