नागपुर। संघ प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को कहा कि अगर राम मंदिर मुद्दे न्यायपालिका के लिए प्राथमिकता नहीं है, तो सरकार को इसके लिए एक कानून लाना चाहिए।
नागपुर में ‘हुंकार सभा’ को संबोधित करते हुए भागवत ने कहा, ‘मामला अदालत में है और निर्णय जल्दी ही दिया जाना चाहिए। यह भी साबित हो चुका है कि वहां मंदिर था। सुप्रीम कोर्ट मामले को प्राथमिकता नहीं दे रहा है और न्याय में देरी न्याय नहीं मिलने जैसा है।’
उन्होंने कहा कि हम कह रहे हैं सरकार कानून बनाएं। जिनको बनाना है वे सोचें कि ये कैसे बना सकते हैं। जल्दी से जल्दी से कानून बनना चाहिए। श्रीराम जन्म भूमि पर भव्य मंदिर का औचित्य सिद्ध हो चुका है। सभी प्रकार के तर्क के बाद कोर्ट का निर्णय आया। अब कोर्ट के निर्णय को टाला जा रहा है।
आरएसएस प्रमुख भागवत ने कहा कि मंदिर के मसले पर लड़ना नहीं है लेकिन अड़ना है। एक साल पहले मैंने कहा था कि धैर्य रखना लेकिन अब धैर्य नहीं रखना है बल्कि जन जागरण करना है।