नई दिल्ली। नोटबंदी के फैसले के बाद सरकार चाहती है कि 500 और 1000 रुपए के रूप में बंद की गई सारी करेंसी बैंक में जमा हो जाए ताकी लेनदेन और कर के रूप में काले धन के जमाखोरों पर नजर रखी जा सके। यह बात राजस्व सचिव हंसमुख अधिया ने मंगलवार (6 दिसंबर) को कही। 500 और 1000 रुपए के नोट में 14.17 लाख करोड़ रुपए की रकम चलन में थी। माना जा रहा था कि उनमें से 2.5 लाख करोड़ रुपए कभी फिर से सिस्टम में नहीं आएंगे। लेकिन अबतक 11 लाख करोड़ से ज्यादा रुपए बैंकों में जमा हो चुके हैं। revenue secretary
इसपर बुद्धिजीवी और नेताओं का कहना था कि सारा ‘काला पैसा’ तो फिर से चलन में आ जाएगा। इसको लेकर नोटबंदी का फैसला कई बार सवालों के घेरे में भी आया। वहीं सेंटर फॉर मोनिटरिंग इक्नॉमी (CMIE) ने नोटबंदी का फैसले की लागत कुल 1,28,000 करोड़ रुपए आंकी थी। इसमें नोटों की छपाई, बिजनेस का नुकसान आदि शामिल था।
हंसमुख ने मुंबई में हुई एक कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘आप क्या समझते हो कि काले धन को बैंक में जमा करने से वह सफेद हो जाएगा ? ऐसा नहीं है। वह सफेद में तब ही बदलेगा जब उसपर टैक्स दिया जाएगा। इनकम टैक्स विभाग उन सबको नोटिस भेजकर पूछताछ करेगा जो जो शक के घेरे में होंगे।’ हंसमुख ने आगे कहा, ‘काला धन रखने वाला कोई भी छोड़ा नहीं जाएगा। अगर किसी ने 50,000 रुपए भी 500 अलग-अलग लोगों से जमा करवाए हैं तो वह भी पकड़ में आ जाएगा।’ हंसमुख ने यह भी कहा कि सरकार और इनकम टैक्स विभाग उन बैंक अधिकारियों के खिलाफ भी एक्शन लेगा जो काले धन को छिपाने में लोगों की मदद कर रहे हैं।
गौरतलब है कि मोदी सरकार ने 8 नवंबर को नोटबंदी का फैसला लिया था। ऐलान किया गया था कि 500 और 1000 रुपए के नोट चलने बंद हो जाएंगे और 2000 और 500 के नए नोट चलाए जाएंगे। तब से कई ऐसा मामले सामने आए हैं जिसमें लोग काले धन को छिपाते या फिर किसी तरीके से सफेद करने की कोशिश में लगे पकड़े गए हैं।