रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने बैंकों को बड़ी राहत दी है।आरबीआई द्वारा चरणबद्ध तरीके से इंक्रीमेंटल कैश रिजर्व रेशियो को वापस लेने का ऐलान किया गया है।
केंद्रीय बैंक ने इंक्रीमेंटल कैश रिजर्व रेशियो यानी आईसीआरआर को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने की पुष्टि करते हुए इसे 7 अक्टूबर तक पूरी तरह से समाप्त किये जाने की बात कही है।
अपने पहले चरण में इसे आज 9 सितंबर को 25 प्रतिशत कम किया जाएगा। अगले चरण में ये 23 सितंबर को 25 फीसदी कम किया जाएगा।
रिज़र्व बैंक के इंक्रीमेंटल कैश रिजर्व रेशियो को वापस लेने के फैसले से बैंकों के पास नगदी में इज़ाफ़ा होगा। जिससे बैंक त्योहारों के मौसम में ज्यादा कर्ज दे सकेंगे।
त्योहारों का समय आने वाला है जिससे नगदी की मांग बढ़ेगी। बैंक ज्यादा कर्ज दे सके इसलिए आरबीआई ने इंक्रीमेंटल कैश रिजर्व रेशियो के अपने निर्णय को वापस लेने का एलान किया है।
अगले एक महीने में चरणबद्ध तरीके से इंक्रीमेंटल कैश रिजर्व रेशियो में कमी करते हुए आरबीआई इंक्रीमेंटल कैश रिजर्व रेशियो को 7 अक्टूबर 2023 से खत्म कर रहा है।
बैंकों के पास नगदी बढ़ गई थी और ऐसा 2000 रुपये के नोट वापस लेने के कारण हुआ। इसे घटाने के लिए 10 अगस्त 2023 को मॉनिटरी पॉलिसी का ऐलान करते हुए आरबीआई गवर्नर ने बैंकों को नगदी घटाने के लिए 10 फीसदी इंक्रीमेंटल कैश रिजर्व रेशियो रखने का प्रावधान कर दिया था।
रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने कहा कि इंक्रीमेंटल कैश रिजर्व रेशियो के तहत जो राशि जमा हुई है उसे चरणबद्ध तरीके से जारी किया जाएगा जिससे मनी मार्केट बेहतर तरीके से काम कर सके।
आरबीआई का कहना है कि 9 सितंबर से इंक्रीमेंटल कैश रिजर्व रेशियो के तहत जो रकम बैंकों ने आरबीआई के आदेश के बाद अलग की थी, उसमें से 25 फीसदी रकम बैंकिंग सिस्टम में डाली जाएगी। इसके बाद 23 सितंबर से 25 फीसदी और राशि बैंकिंग सिस्टम में आ जाएगी फिर 7 अक्टूबर को बाकी बची 50 फीसदी राशि भी बैंकिंग सिस्टम में डाल दी जाएगी।
आरबीआई ने 2000 रुपये के नोट बैंकों में जमा होने से उत्पन्न परिस्थितियों के आधार पर ये फैसला लिया। 2000 के नोटों के जमा होने से नगदी बढ़ने लगी थी। पिछले माह की 10 अगस्त को मॉनिटरी पॉलिसी बैठक में बैंकों को 10 फीसदी इंक्रीमेंटल कैश रिजर्व रेशियो अलग से रखने के आरबीआई के आदेश के बाद बैंकों के पास नगदी की कमी हो गई थी।
क्योंकि अब त्योहारों का समय आने वाला है जिससे नगदी की मांग बढ़ेगी। ऐसे में बैंक लगातार इसकी वापसी की बात कर रहे थे। त्योहारों के समय बैंक ज्यादा से ज्यादा कर्ज दे सके इसलिए आरबीआई ने इंक्रीमेंटल कैश रिजर्व रेशियो के अपने निर्णय को वापस लेने का एलान किया है।