डेनमार्क: लगभग दो सदी बाद एक पेंटिंग के दो हिस्सों को एक साथ रखा गया है। माना जाता है कि यह एक ही पेंटिंग थी जिसे बाद में दो भागों में काट दिया गया था।
यह सत्रहवीं शताब्दी की फ्लेमिश पेंटिंग है जिसे अब डेनमार्क के न्यावागार्ड संग्रहालय में एक साथ रखा गया है। 1626 में कॉर्नेलियस डी वोस ने इस पेंटिंग को बनाया था, जिसे ‘पिता और पुत्र का दोहरा पोट्रेट’ कहा गया है। अब इसमें महिला को तो शामिल कर लिया गया है लेकिन उसकी तस्वीर अलग फ्रेम में है।
कला इतिहासकारों के अनुसार पिता और पुत्र के इस चित्र में मूल रूप से एक महिला शामिल थी और यह एक पेंटिंग का हिस्सा थी जिसे बाद में काट कर अलग कर दिया गया था। ऐसा इसलिए क्योंकि दाईं ओर पिता और पुत्र की पेंटिंग के निचले दाएं हिस्से में एक वस्तु दिखाई दे रही है जो शायद महिला की पोशाक है। साथ में कुर्सी का कुछ हिस्सा भी नजर आ रहा है।
Two halves of Flemish 17th century family portrait reunitedhttps://t.co/F8944MfzRu
— eNCA (@eNCA) March 19, 2023
जानकारों के मुताबिक कलाकार ने एक तस्वीर में पूरे परिवार के साथ खड़ी महिला को भी चित्रित किया था जिसे बाद में किसी कारण से अलग कर दिया गया है। लेकिन अब दो सदी बाद पेंटिंग को फिर से साथ लगाया गया है।
हालांकि एक महिला का पोर्ट्रेट अलग से स्थित था, जिसे 2014 में एक नीलामी के बाद एक अन्य व्यक्ति, सॉलोमन लिलियन की निजी गैलरी में रखा गया था।
मगर अब इस रहस्य के सुलझ जाने के बाद पोट्रेट के दोनो टुकड़ों को एक साथ रखा गया है।