जयपुर। राजस्थान के पाली, सिरोही, जालौर, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़ और झालावाड़ में भारी बारिश के कारण बाढ़ के हालात हैं। सेना और एनडीआरएफ़ (राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल) की मदद से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया जा रहा है। जोधपुर शहर में भी भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया।
जयपुर स्थित आपदा प्रबंधन विभाग के सूत्रों के मुताबिक़ बीते 24 घंटों में पाली सहित छह ज़िलों में सर्वाधिक बारिश दर्ज की गई है। ज़िले की सात तहसीलों के गाँव डूबे हुए हैं। प्रशासन मौक़े पर मौज़ूद है और राहत और बचाव कार्य जारी हैं। राज्य सरकार के तीन मंत्री किरण महेश्वरी, अनीता भडेल और सुरेन्द्र पाल सिंह टीटी भीलवाड़ा के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के दौरे पर हैं। बाड़मेर के एक गाँव में स्कूल जा रहे छह बच्चों के तलाई में डूबने से मरने की ख़बर हैं। वहीं बारां में फिसलकर पानी में बहे मोटरसाइकिल सवार को बचा लिया गया। डूंगरपुर में भी दो बच्चों की डूबने से मौत हो गई। आपदा प्रबंधन के अधिकारी विजेंद्र सिंह ने स्पष्ट किया कि बचाव कार्य के दौरान किसी की मौत की कोई ख़बर नहीं है।
सेना के जनसंपर्क अधिकारी मनीष ओझा ने बताया कि मंगलवार को पाली और चित्तौड़गढ़ में सेना की एक एक टुकड़ी को बाढ़ राहत में मदद के लिए भेजा गया। इसके पहले चित्तौड़गढ़ के सिंगोली गाँव में दो घरों की छतों पर फंसे सात लोगों को सुरक्षित निकाला गया। बेहद ख़राब मौसम और लगातार बारिश के बीच बचाव काम काफ़ी मुश्किल हुई। इसके अलावा सिरोही, जालौर, बाड़मेर, अजमेर, उदयपुर में भी भारी बारिश हुई। भीलवाड़ा और चित्तौड़गढ़ में के बहुत से इलाक़े अभी भी डूबे हुए हैं। आपातकालीन स्थितियों को देखते हुए भारतीय वायुसेना को हेलिकॉप्टर सेवाओं के लिए अलर्ट किया गया है।
बाढ़ कक्ष के निदेशक संजय अग्रवाल ने बताया कि प्रदेश के 281 प्रमुख बांधों में से 77 बड़े और 148 छोटे बांध लबालब हो गए हैं। अन्य बांधों में पानी का आना जारी है लेकिन कहीं भी पानी ख़तरे के निशान के ऊपर नहीं है। टोंक का बीसलपुर और भीलवाड़ा के मेजा बांध भी क़रीब-क़रीब पूरे भर गए हैं। बचाव कार्यों में सेना के साथ साथ एनडीआरएफ़, एसडीआरएफ़ और आरएसी की टीमें भी मदद कर रही हैं।