ट्रेन में सफर करने वालों के लिए बड़ी खबर है. रेलवे दिवाली और छठ जैसे बड़े त्योहारों पर यात्रियों की सुविधाएं बढ़ाने के लिए 142 ट्रेन से फ्लेक्सी फेयर स्कीम को खत्म कर सकता है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस हफ्ते यह फैसला लिया जा सकता है. आपको बता दें कि रेलवे की फ्लेक्सी फेयर स्कीम की आलोचना होने के बाद इसको बदलने की लंबे समय से योजना चल रही थी.
कई बार डायनामिक फेयर के कारण ट्रेन का किराया फ्लाइट के किराए से ज्यादा हो जाता था. रेलवे को लगता है कि इससे उसकी आय को बढ़ाने में मदद मिलेगी.
क्या है प्लान- अंग्रेजी के अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के मुताबिक,फ्लेक्सी फेयर वाली ट्रेनों में हमसफर ट्रेनों का किराया मॉडल लागू किया जा सकता है. फ्लेक्सी फेयर और हमसफर ट्रेनों के किराये मॉडल में काफी अंतर है. इन ट्रेन में फ्लेक्सी फेयर स्कीम को खत्म करने के बाद रेलवे अंतिम समय में टिकट बुक कराने वालों को 50 फीसदी की छूट देने का ऑफर दे सकता है.
नई स्कीम की तैयारी-ये डिस्काउंट IRCTC की वेबसाइट और रिजर्वेशन काउंटर से टिकट बुक करने पर मिल सकता है. यात्रा से 4 दिन पहले तक सीटें खाली रहने पर 102 ट्रेनों में डिस्काउंट वाली स्कीम को लागू किया जा सकता है. इसके अलावा जिन ट्रेनों में 60 फीसदी से कम बुकिंग होती है उनके ग्रेड तय कर डिस्काउंट दिया जा सकता है. इस स्कीम के तहत टिकट पर 20 फीसदी तक डिस्काउंट मिल सकता है. अभी डायनामिक किराया 44 राजधानी, 46 शताब्दी और 52 दूरंतो ट्रेन पर लागू है. ये सभी सुपर फास्ट कैटेगरी की ट्रेन हैं.
दिवाली और छठ की स्पेशल तैयारी-भारतीय रेलवे जल्द ही ट्रेनों में एसी टू कोच को खत्म करने का फैसला लेने जा रहा है. हालांकि एक्सप्रेस ट्रेनों में लगे एसी टू कोच को कम नहीं किया जाएगा. रेलवे के प्लान के अनुसार, शुरुआत में राजधानी और दुरंतो में लगे एसी टू कोच को पूरी तरह से हटा देगा. यह फैसला होने पर ज्यादा थर्ड एसी के कोच बढ़ा जाएंगे. रेलवे के इस फैसले से 50 राजधानी ट्रेनों में एसी-3 की 14 हजार से अधिक अतिरिक्त बर्थ का इंतजाम होगा जिसका सीधा फायदा यात्रियों को मिलेगा.
थर्ड एसी में सेकंड एसी की तुलना में ज्यादा मुसाफिर यात्रा करते हैं और वो रेलवे को मुनाफा भी अधिक देता है. एसी थर्ड के अलावा अन्य सभी आरक्षित श्रेणी घाटे में हैं. रेलवे की 2018-19 में 1 हजार नए एसी 3 कोच बनाने की योजना है, जो एक रिकॉर्ड है. पिछले साल रेलवे ने 778 एसी 3 टियर कोच बनाए थे.
क्या होता है फ्लेक्सी फेयर सिस्टम- भारतीय रेलवे की तरफ से लागू की गई फ्लेक्सी फेयर प्रणाली पूरी तरह से मांग-आपूर्ति पर निर्भर होती है. इसके तहत जिस समय टिकट की मांग ज्यादा होती है उस वक्त टिकट की कीमतें बढ़ा दी जाती है. ऐसा त्योहारी सीजन में ही होता है. वहीं, दूसरी ओर जब टिकट की मांग कम हो जाती हैं तब कीमतें सामान्य हो जाती हैं. अब तक हवाई जहाज की टिकटों में ऐसा होता था.
आपको बता दें कि ट्रेन में फर्स्ट एसी और एग्जिक्यूटिव कैटेगरी की कीमतों में कोई बदलाव नहीं होता है. इसमें शुरुआत में पहली 10 फीसद सीटों के लिए सामान्य किराया लागू होता है, इसके बाद प्रत्येक 10 फीसद बर्थ की बुकिंग के बाद किरायों में 10 फीसद की बढ़ोतरी कर दी जाती है. मांग के आधार पर इसमें अधिकतम 50 फीसदी तक किराया बढ़ता है.
सेकेंड एसी और चेयरकार के लिए अधिकतम 50 फीसदी की बढ़ोतरी होती है. वहीं थर्ड एसी के लिए यह सीमा 40 फीसद अधिक होती है. अन्य चार्जेस जैसे कि आरक्षण शुल्क, सुपरफास्ट शुल्क, कैटरिंग शुल्क और सेवा कर में बदलाव नहीं होता है. फ्लेक्सी फेयर स्कीम को 9 सितंबर, 2016 को 44 राजधानी, 46 शताब्दी और 52 दुरंतो (प्रीमियम सुपरफास्ट कैटिगरी) ट्रेनों के लिए लागू किया गया था.