कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने सोशल मीडिया साइट ‘एक्स’ पर एक पोस्ट साझा करते हुए केंद्र सरकार पर सवाल उठाया है। अपनी पोस्ट में उन्होंने केंद्र द्वारा लिए गए क़र्ज़ के हवाले से बढ़ती ‘बेरोजगारी, महंगाई और आर्थिक संकट का ज़िक्र किया है।
अपनी पोस्ट में प्रियंका गाँधी ने केंद्र सरकार से पूछा है- ‘‘वित्त मंत्रालय का कहना है कि भारत सरकार मौजूदा वित्त वर्ष में 14 लाख करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज लेने जा रही है। क्यों?’’
प्रियंका गांधी ने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए सवाल किया कि सरकार राहत देने के बजाय “लोगों को कर्ज के बोझ तले क्यों दबा रही है।” जबकि उन पर पहले से ही ‘बेरोजगारी, महंगाई और आर्थिक संकट का बोझ’ बढ़ता जा रहा है।
प्लेटफार्म एक्स पर अपनी एक लम्बी पोस्ट के माध्यम से प्रियंका ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर निशाना साधा है। उन्होंने पिछले महीने के बजट भाषण के हवाले से एक अप्रैल से शुरू होने वाले अगले वित्तीय वर्ष में राजस्व की कमी को पूरा करने के लिए दिनांकित प्रतिभूतियां जारी करके बाजार से 14.13 लाख करोड़ रुपये जुटाने के प्रस्ताव की बात कही है।
रुपये जुटाने के प्रस्ताव पर प्रियंका गांधी ने अपनी पोस्ट के माध्यम से पूछा है- वित्त मंत्रालय का कहना है कि भारत सरकार मौजूदा वित्त वर्ष में 14 लाख करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज लेने जा रही है। क्यों?’’
वित्त मंत्रालय का कहना है कि भारत सरकार मौजूदा वित्त वर्ष में 14 लाख करोड़ से अधिक का कर्ज लेने जा रही है।
क्यों?
आजादी के बाद से वर्ष 2014 तक, 67 सालों में देश पर कुल कर्ज 55 लाख करोड़ था।
पिछले 10 वर्ष में अकेले मोदी जी ने इसे बढ़ाकर 205 लाख करोड़ पहुंचा दिया।
इनकी सरकार…
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) March 30, 2024
आगे प्रियंका लिखती हैं- ‘‘आजादी के बाद से वर्ष 2014 तक, 67 सालों में देश पर कुल कर्ज 55 लाख करोड़ था। पिछले 10 वर्ष में अकेले मोदी जी ने इसे बढ़ाकर 205 लाख करोड़ पहुंचा दिया। इनकी सरकार ने लगभग 150 लाख करोड़ कर्ज लिया बीते 10 साल में। आज देश के हर नागरिक पर लगभग डेढ़ लाख रुपये का औसत कर्ज बनता है। यह पैसा राष्ट्रनिर्माण के किस काम में लगा?’’
पोस्ट के ज़रिए प्रियंका गाँधी ने नौकरी, किसानों की दोगुनी आमदनी, स्कूल और अस्पताल, मज़बूत पब्लिक सेक्टर और बड़ी-बड़ी फ़ैक्ट्रियों और उद्योग लगाये जाने पर सवाल उठाया है। इन मुद्दों पर संकेत करते उन्होंने सवाल किया है कि आखिर यह पैसा गया कहाँ? किसके ऊपर खर्च हुआ? इसमें कितना पैसा बट्टेखाते में गया? बड़े-बड़े खरबपतियों की कर्जमाफी में कितना पैसा गया?
सरकार द्वारा नया कर्ज लेने की तैयारी पर प्रियंका ने सवाल उठया है कि पिछले 10 साल से आम जनता को राहत मिलने की बजाय जब बेरोजगारी, महंगाई आर्थिक तंगी का बोझ बढ़ता ही जा रहा है तो भला भाजपा सरकार जनता को कर्ज में क्यों डुबो रही है?