नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव नजदीक हैं। लेकिन समाजवादी पार्टी और कांग्रेस अबतक साफ तौर पर इस नतीजे पर नहीं पहुंच पाए हैं कि यूपी चुनाव के लिए वे आपस में गठबंधन करेंगे या नहीं। Priyanka
गठबंधन ना होने की कई वजह सामने आ रही हैं। इनमें से एक वजह यह भी है कि कांग्रेस अखिलेश यादव का राजनीतिक कद भांप नहीं पाई थी यानी उन्होंने अखिलेश को काफी हल्के में ले लिया था।
माना जा रहा है कि गठबंधन ना होने की एक वजह यह भी है कि कांग्रेस की तरफ से गठबंधन से जुड़ी सारी बातें करने के लिए ना तो राहुल गांधी आगे आए, ना ही प्रियंका गांधी।
बल्कि उनकी तरफ से प्रशांत किशोर और पूर्व IAS ऑफिसर धीरज श्रीवास्तव को इसके लिए अखिलेश के पास भेजा गया था। अखिलेश हाल में पार्टी और परिवार में चल रही जंग जीतकर सबके सामने विजेता के रूप में आए हैं।
ऐसे में उन्हें लगा कि राहुल-प्रियंका ना सही कम से कम पार्टी का कोई और दिग्गज नेता या फिर कांग्रेस वर्किंग कमेटी का कोई शख्स उनके पास आएगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
इंडियन एक्सप्रेस को जानकारी मिली है कि अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव के पास शुक्रवार या शनिवार की रात को एक बजे के करीब प्रियंका गांधी का फोन आया।
उन्होंने कहा कि अखिलेश ने फोन बंद किया हुआ है। लेकिन अखिलेश ने पहले ही कांग्रेस से कह रखा था कि गठबंधन की बात वे लोग डिंपल से कर सकते हैं।
लेकिन अखिलेश को लगा था कि प्रियंका किसी सीनियर नेता को भेंजेगी लेकिन उन्होंने प्रशांत किशोर को भेज दिया। एक सपा नेता ने इसपर कहा, ‘यूपी की राजनीति में अखिलेश का कद काफी बड़ा है। कांग्रेस इस बात को नहीं समझ पाई।
इससे उनका घमंड और बेपरवाह रवैया साफ तौर पर देखा जा सकता है।’ सूत्रों के मुताबिक, अखिलेश ने सोचा था कि राहुल गांधी भी उनसे मिलने के लिए आगरा या फिर लखनऊ आएंगे और गठबंधन पर बात करेंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अखिलेश ने इसको ‘दिल्लावाला घमंड’ समझा।