गोरखपुर। चार दिन से चल रहे तलाशी अभियान से नाराज बंदियों ने गुरुवार सुबह 8 बजे गोरखपुर जेल का फाटक खुलते ही बन्दी रक्षकों पर हमला कर दिया। इस हमले में 3 रक्षक घायल हो गए। एक की हालत गम्भीर है। तीनों को मेडिकल कॉलेज भेजा गया है। prisoners attack
जेल की बिजली काटी गई
कैदियों के बवाल को देखते हुए जेल प्रशासन ने जेल की बिजली काट दी है। इसके अलावा जेल की पूरी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए तत्काल ड्रोन की मदद ली जा रही है। ड्रोन के जरिए देखा जा रहा है कि बंदी कहां पर क्या बवाल कर रहे हैं। साथ ही बंधक बनाए गए दो सिपाहियों पर नजर रखी जा रही है कि कहीं वे उन्हें कोई नुकसान न पहुंचा दें। मौके पर जिला एवं पुलिस प्रशासन के अफसरान डटे हुए हैं।
बैरक की छतों पर चढ़े बंदियों ने डीएम-एसएसपी के अनुरोध पर कहा कि वह तब नीचे आएंगे जब जेलर डॉ. राजेश सिंह को सस्पेंड किया जाएगा। यह सुनकर जेल में तैनात सभी सिपाही अपने अधिकारी राजेश सिंह के पक्ष में आते हुए ऐलान कर दिया कि डॉ. राजेश सिंह को सस्पेंड करने से पहले सभी सिपाहियों को सस्पेंड करें। बंदियों ने जिन दो सिपाहियों जनार्दन मिश्र और जयप्रताप सिंह को अपने कब्जे में लिया है उन्हें अब तक छोड़ा नहीं है। जेल में इस समय लगभग 1600 बंदी और 160 बंदी रक्षक हैं। इससे पहले बंदियों ने रसोई में रखे सिलेंडर कब्जे में लिये और उनमें विस्फोट करने की धमकी दी। प्रशासन ने बड़ी संख्या में पीएसी व पुलिस फोर्स मौके पर बुला ली।
कूड़े में लगायी आग
अंदर घुसकर सबसे पहले बंधक सिपाहियों को छुड़ाने की कोशिश की गयी। कैदियों ने बैरक के पास एकत्र कूड़े में आग लगा दी और गेट नम्बर 3 बन्द कर छत पर चढ़ कर मोर्चेबंदी कर ली। बन्दियों के तेवर देख जेलर डॉक्टर राजेश सिंह ने जेल का अलार्म बजा सारे बन्दी रक्षकों को तलब कर लिया। साथ ही प्रशासन से मदद मांगी।
नौ बजे तक डीएम, एसएसपी पूरे जिले की फ़ोर्स के साथ जेल में पहुंच गए। थोड़ी देर में कार्रवाई शुरू हो जाएगी। गौरतलब है कि बुधवार रात की तलाशी में बंदियों के पास से 85 मोबाइल फोन मिले । कल दिन में भी 89 मोबाइल फोन बरामद हुए थे।
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