“करोना की दूसरी राष्ट्रव्यापी लहर ने भारत में स्थिति को गंभीर बना दिया है। एक तरफ सरकार और विज्ञापन के द्वारा करोना से लोगों को आगाह करते हुए मास्क, सैनिटाइजर और सामाजिक दूरी बनाए रखने का आवाहन किया जा रहा है दूसरी तरफ पांच राज्यों के चुनाव मैं राजनीतिक दलों की रैलियों ने करोना के संबंध में सभी नियम कानूनों की धज्जियां उड़ा दी है।”
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय सचिव अतुल कुमार “अनजान” ने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया है कि कोरोना की भयावहता को रोकने के लिए सिर्फ सरकारी ही नहीं बल्कि सामाजिक प्रयासों की सख्त जरूरत है।
उक्त विचार व्यक्त करते हुए भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय सचिव अतुल कुमार “अनजान” ने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया है कि कोरोना की भयावहता को रोकने के लिए सिर्फ सरकारी ही नहीं बल्कि सामाजिक प्रयासों की सख्त जरूरत है। सामाजिक दूरी और मास्क पहनने की चर्चा तो खूब की जाती रही है लेकिन दिन रात इलेक्ट्रॉनिक, मीडिया और सोशल मीडिया में चुनाव की रैलियों में प्रधानमंत्री सहित केंद्रीय मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों की सभाओं में मास्क, सामाजिक दूरी का मजाक उड़ाया जा रहा है। इससे सामान्य लोगों के अंदर मास्क सामाजिक दूरी पर संवेदनशीलता समाप्त हो गई है।
देश का चुनाव आयोग अपने महत्व को कारगर ढंग से स्थापित करने में असहज महसूस कर रहा है। बंगाल के अंदर चौथे दौर के 45 विधानसभा सीटों के लिए 78000 केंद्रीय अर्धसैनिक बल तैनात किए गए हैं फिर भी सामाजिक दूरी की छवि चुनावी रैली में नहीं दिखाई देती।
लखनऊ में सरकारी गिनती कुछ कह रही है और श्मशान घाट में लाइन लगाकर टोकन बांटकर करोना मृत का अंतिम संस्कार किया जा रहा है। इस भयावह स्थिति में प्रधानमंत्री से तत्काल सभी राजनीतिक दलों के नेताओं से चर्चा करने के लिए बैठक बुलाने की मांग की है।
उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में करोना के चलते आवश्यक फेफड़ों को राहत देने के लिए इंजेक्शन बाजार में उपलब्ध नहीं और वह ब्लैक में बिक रहे है। लखनऊ में सरकारी गिनती कुछ कह रही है और श्मशान घाट में लाइन लगाकर टोकन बांटकर करोना मृत का अंतिम संस्कार किया जा रहा है। इस भयावह स्थिति में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी पार्टी के नेता ने जनता को जागरूक बनाने के लिए प्रधानमंत्री से तत्काल सभी राजनीतिक दलों के नेताओं से चर्चा करने के लिए बैठक बुलाने की मांग की है।