वहीदा रहमान को दादा साहब फाल्के पुरस्कार दिए जाने की खबर को भरपूर सराहना मिल रही है। ऐसा इसलिए क्योंकि पिछले साल जब हिंदी सिनेमा की मशहूर अभिनेत्री आशा पारेख को दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया था, तो सोशल मीडिया पर हंगामा मच गया था कि उन्हें वहीदा रहमान से पहले यह पुरस्कार क्यों दिया गया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उन्हें पुरस्कार मिलने पर बधाई दी है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर उन्होंने लिखा- ”मुझे खुशी है कि वहीदा रहमान जी को दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया।”
Delighted that Waheeda Rehman Ji has been honored with the Dadasaheb Phalke Lifetime Achievement Award. Her journey in Indian cinema has left an indelible mark. A beacon of talent, dedication and grace, she embodies the best of our cinematic heritage. Congratulations to her. https://t.co/uuqfXqIW7l
— Narendra Modi (@narendramodi) September 26, 2023
वैसे तो वहीदा रहमान ने तेलुगु और तमिल फिल्मों में काम किया था, लेकिन उन्हें हिंदी फिल्मों में लाने का श्रेय मशहूर अभिनेता और निर्देशक गुरु दत्त को जाता है।
एक टीवी चैनल से बात करते हुए उन्होंने अवॉर्ड के लिए जहां भारत सरकार को धन्यवाद दिया, वहीं उन्होंने इस अवार्ड को पूरी फिल्म इंडस्ट्री के नाम किया है।
जिस दिन दादा साहेब पुरस्कार के लिए वहीदा रहमान के नाम की घोषणा की गई, उसी दिन उनके सह-कलाकार देव आनंद का 100वां जन्मदिन था। आज भी उनके प्रशंसकों का मानना है कि देव आनंद और वहीदा रहमान की फिल्म ‘गाइड’ जैसी केमेस्ट्री अतुलनीय है।
वहीदा रहमान की सबसे यादगार फिल्म ‘गाइड’ के हवाले से उन्हें भरपूर सराहना मिली है। उनका यह किरदार हमेशा के लिए अमर हो गया है। इसके अलावा सोशल मीडिया पर उन्हें ‘चौदहवीं का चांद’, ‘राजकुमारी नील कमल’ या फिर ‘हीरा बाई’ के नामों से याद किया जा रहा है।
मशहूर अभिनेत्री वहीदा रहमान को इस साल प्रतिष्ठित दादा साहेब फाल्के लाइफ़टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड देने की घोषणा की गई है.
वहीदा रहमान ने अपने करियर में एक से बढ़कर एक फ़िल्में दी हैं, जिनमें गाइड और प्यासा का ज़िक्र सबसे ऊपर आता है.बीबीसी की रूपा झा ने क़रीब दो दशक पहले उनसे उनकी… pic.twitter.com/eaf73shhIE
— BBC News Hindi (@BBCHindi) September 26, 2023
वहीदा रहमान को फिल्म ‘गाइड’ के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का फिल्मफेयर पुरस्कार मिला था। इसके अलावा शिकागो अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में भी उन्हें उसी फिल्म के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उन्हें राज कपूर की फिल्म ‘तीसरी क़सम’ के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का क्रिटिक्स अवॉर्ड मिला था।
बाद में उन्हें ‘राम और श्याम’, ‘नील कमल’ और ‘खमोशी’ जैसी फिल्मों के लिए फिल्मफेयर अवॉर्ड्स में सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री की श्रेणी में नामांकित किया गया, इनमे से उन्हें ‘नील कमल’ के लिए पुरस्कार मिला। 1971 में ‘रेशमा और शेरा’ के लिए वहीदा रहमान ने सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का राष्ट्रीय पुरस्कार जीता।
वहीदा रहमान आज 85 साल की हैं और उन्होंने अब तक अपनी फिटनेस को बरकरार रखा है। वहीदा रहमान को हिंदी सिनेमा का सबसे प्रतिष्ठित अवार्ड दादा साहब फाल्के पुरस्कार मिलने पर उनके प्रशंसक उन्हें बधाई दे रहे हैं साथ ही उनकी अदाकारी, उनकी सुंदरता, उनकी सादगी और काम के प्रति समर्पण के लिए उन्हें याद कर रहे हैं।