रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के दो वर्ष होने वाले हैं। ऐसे में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अधिकारियों को आदेश दिया है कि वे विदेशी शब्दों, विदेशी निर्मित कारों और एपल उपकरणों सहित पश्चिमी तकनीक का प्रयोग न करें।
इस आदेश का रूसी अधिकारी उलंघन करते देखे जा रहे हैं। रूस के पूर्व राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव को इस सप्ताह एक कार्यक्रम में विदेशी निर्मित वाहनों के काफिले में पहुंचते देखा गया था, हैरानी की बात यह है कि वह खुद एक लक्जरी मर्सिडीज का उपयोग कर रहे थे। रूस से इस तरह की कई घटनाए रिपोर्ट हुई हैं जहाँ अधिकारी पुतिन के इस आदेश का उलंघन करते देखे गए हैं।
आदेश के एक सप्ताह बाद रूसी सरकारी एजेंसियों ने विदेशी कारों के लिए 53 मिलियन से अधिक रूबल आवंटित किए हैं।
रिपोर्ट से यह खुलासा भी हुआ है कि रूस के रक्षा मंत्रालय, कृषि मंत्रालय और राज्य प्रौद्योगिकी के अधिकारी जुलाई में जारी प्रतिबंध के बावजूद एपल उत्पादों का उपयोग कर रहे हैं।
यही नहीं राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के अधिकारियों को कारों आदि का उपयोग बंद करने के आदेश के एक सप्ताह बाद रूसी सरकारी एजेंसियों ने विदेशी कारों के लिए 53 मिलियन से अधिक रूबल आवंटित किए हैं।
इस सम्बन्ध में रूसी विश्लेषक ओलेग इग्नाटोव का कहना है कि विदेशी कारों और एपल सामानों का उपयोग बंद करने के आदेश को लागू करना मुश्किल होगा, क्योंकि बाजार में आपके पास बहुत सारे विकल्प नहीं हैं।
आगे वह कहते हैं कि पश्चिमी विदेशी कंपनियाँ और कोरियाई विदेशी कंपनियाँ रूसी बाजार छोड़ चुकी हैं। उनका कहना है कि यदि आप एक सस्ती कार खरीदना चाहते थे, तो आप एक कोरियाई कार खरीदेंगे, लेकिन अब यह इसलिए मुमकिन नहीं है क्योंकि वह रूसी बाजार छोड़ चुकी हैं।