लखनऊ। बसपा सुप्रीमो मायावती ने आज कहा कि देश के प्रतिष्ठित जेएनयू, दिविवि, राजस्थान, गुवाहाटी विश्वविद्यालयों के बाद हैदराबाद विश्वविद्यालय के छात्रसंघ चुनाव में एबीवीपी की हार राजनीतिक बदलाव का संकेत है।
मायावती ने यहां एक बयान में कहा, देश के अति-प्रतिष्ठित जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय (जे.एन.यू), दिल्ली विश्वविद्यालय (डी.यू), राजस्थान व गुवाहाटी विश्वविद्यालयों के बाद अब हैदराबाद विश्वविद्यालय के छात्रसंघ के महत्त्वपूर्ण चुनाव में भाजपा-आरएसएस (भाजपा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) से सम्बद्ध छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) की करारी हार देश के राजनीतिक बदलाव का नया शुभ शकुन है।
उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं ने जनता को विभिन्न प्रकार से बरगलाकर अपने अच्छे दिन बहुत देख लिये हैं और अब देश की जनता उनको उनके बुरे दिन दिखाने का मन बना रही है।
मायावती ने कहा कि हैदराबाद विश्वविद्यालय में एबीवीपी की करारी शिकस्त व एएसजे (एलायन्स फार सोशल जस्टिस) गठबंधन की शानदार जीत वास्तव में दलित छात्र रोहित वेमूला को बेहतरीन श्रद्धांजलि है।
उन्होंने कहा कि यह नतीजे केन्द्र की भाजपा सरकार को सबक हैं कि वह दलित-विरोधी हरकतों से अब भी बाज आ जाये ताकि देश में किसी अन्य रोहित वेमूला को आत्महत्या करने के लिये मजबूर नहीं होना पड़े।
मायावती ने कहा कि सरकार का ध्यान सिर्फ कुछ मुट्ठीभर बड़े-बड़े पूँजीपतियों व धन्नासेठों पर है। उन्हें छोडकर देश के सवा सौ करोड़ लोगों के जीवन-मरण से जुड़ी समस्याओं जैसे आसमान छूती हुई महँगाई, बढ़ती बेरोजगारी, अशिक्षा व स्वास्थ्य सेवा के अभाव पर सरकार का ध्यान नहीं है।