चेन्नई : तमिलनाडु में जलीकट्टू पर लगी रोक हटाने के लिए अध्यादेश लाने के बाद भी लोगों का प्रदर्शन जारी है। चेन्नई की मरीना बीच पर पिछले 6-7 दिनों से जुटे प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने सोमवार सुबह वहां से जबरन हटा दिया। police
पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच उस वक़्त झड़प हो गयी जब पुलिस ने उनको हटाने के लिए बल दिया था ।
पुलिस ने पहले उन्हें प्रदर्शन खत्म करने के लिए समझाने की कोशिश की, लेकिन जब वे नहीं मानें, तो पुलिस को बल का इस्तेमाल करना पड़ा। लाठीचार्ज में काई प्रदर्शनकारी घायल भी हुए हैं।
पुलिसकर्मी यहां जब इन प्रदर्शनकारियों को हटा रहे थे, तब वे लोग राष्ट्रगान ‘जन-गण-मन’ गाने लगे। लाठीचार्ज के बाद पूरा इलाका खाली करा लिया गया है। चेन्नई के अलावा मदुरै, कोयंबटूर और त्रिची से भी प्रदर्शनकारियों को जबरन हटाया जा रहा है।
इस बीच सीएम पनीरसेल्वम ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि सोमवार को जलीकट्टू पर विधानसभा में बिल पेश किया जाएगा। वहीं प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज के खिलाफ विधानसभा से डीएमके ने वॉकआउट किया।
लोकतांत्रिक रूप से प्रदर्शन कर रहे लोगों को बलपूर्वक हटाने के लिए डीएमके के कार्यकारी अध्यक्ष एमके स्टालिन ने सरकार की निंदा की। राज्य के राज्यपाल विद्यासागर राव ने संबोधन में जलीकट्टू पर प्रतिबंध के लिए यूपीए सरकार को जिम्मेदार ठहराया।
पुलिस ने मरीना बीच को जाने वाले तमाम रास्ते बंद कर दिए, वहीं लोगों को इलाके के पास-पास इकट्ठा नहीं होने दिया जा रहा है। पुलिस के रूख को लेकर लोगों में खासी नाराजगी है, उनका कहना है कि वे इसी देश के हिस्सा हैं, उनके साथ पुलिस गलत व्यवहार कर रही है।
पुलिस द्वारा जबरन हटाए जाने से नाराज प्रदर्शनकारियों ने चेताते हुए कहा कि अगर उन्हें जबरन हटाने की कोशिश की गई तो वे मरीना बीच पर ही अपनी जान दे देंगे।
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