नैनीताल 07 दिसंबर : उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) में गड़बड़ी के को लेकर कांग्रेस पार्टी और उसके नेताओं को मंगलवार को जबर्दस्त झटका दिया। न्यायालय ने दायर सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया है।
कांग्रेस के पूर्व कैबिनेट मंत्री नवप्रभात सहित न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह की अदालत में पांच नेताओं की ओर से दायर चुनाव याचिकाओं पर सुनवाई हुई। 14 अक्टूबर को अंतिम सुनवाई करने के बाद इस मामले में अदालत ने अपना निर्णय सुरक्षित रखा था। आज अदालत की ओर से इस मामले में अंतिम फैसला आ गया जिसमे कहा गया कि ईवीएम में गड़बड़ी को लेकर वाद का कारण पैदा नहीं हुआ है और चुनाव याचिकाओं का लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत पुष्टि नहीं हुई है।
अदालत के निर्णय से स्पष्ट है कि ईवीएम में गड़बड़ी की बात गलत है। इसी आधार पर अदालत ने सभी याचिकाकाओं को खारिज कर दिया है। इससे पहले भारतीय जनता पार्टी के नेताओं निर्वाचित विधायकों की ओर से भी ईवीएम में गड़बड़ी को गलत बताया गया था और याचिकाओं की वैधता पर सवाल उठाये गये थे।
कांग्रेस नेता अम्बरीश कुमार, गोदावरी थापली, नवप्रभात, राजकुमार व विक्रम सिंह की ओर से 2017 में याचिका दायर कर भाजपा के जीते विधायक मुन्ना सिंह चैहान (विकासनगर), खजानदास (देहरादून), आदेश कुमार (हरिद्वार), गणेश जोशी (मंसूरी) और विजय सिंह पंवार (प्रतापनगर) के चुनाव को चुनौती देते हुए कहा गया था कि उनके विधानसभा क्षेत्रों में ईवीएम से छेड़छाड़ कर चुनाव में धांधली की गयी है।
आरोप था कि ईवीएम मशीनों की अदलाबदली की गयी है। रिटर्निंग अधिकारी द्वारा प्रदत्त ईवीएम मशीनों का चुनाव में प्रयोग नहीं किया गया है। इसके अलावा जीते प्रत्याशियों के समर्थकों की ओर से पहले ही चुनाव के अनुमानित नतीजे घोषित कर दिये गये और उनको सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया गया।
याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता रवीन्द्र सिंह बिष्ट ने बताया कि आदेश मिलने की प्रति मिलने के बाद उसका अध्ययन करेंगे और उसे उच्चतम न्यायालय में चुनौती देंगे। उन्होंने कहा कि उनका मानना है कि इन मामलों में वाद के पर्याप्त कारण हैं। दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि उच्च न्यायालय के आदेश के बाद कांग्रेस का असली चेहरा सामने आ गया है।